दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में रेटिना के इलाज के लिए आए 20 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है। बताया जा रहा है कि रेटिना की सर्जरी से पहले मरीजों इंजेक्शन के लिए बुलाया गया था। इन लोगों को कथित तौर पर गलत इंजेक्शन लगाने के बाद ऐसा हुआ।
मरीजों को एक अप्रैल को इंजेक्शन लगाया गया था। मामला तब सामने आया जब 2 अप्रैल की सुबह से ही मरीजों की आंखों की रोशनी धुंधली होने लगी। बताया जा रहा है कि आठ लोगों की आंखों की रोशनी बहुत ही कम हो गई है।
इन आठ मरीजों के आंखों में संक्रमण इतना अधिक बढ़ गया कि एम्स के डॉ. आरपी सेंटर में उनकी आंखों का ऑपरेशन भी करना पड़ा। जिस इंजेक्शन के संक्रमित होने की आशंका जताई गई है, उसे जांच के लिए लैब भेज दिया गया है।
अन्य मरीजों का इलाज जीटीबी अस्पताल में ही किया जा रहा है। जबकि दो को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। वहीं इस मामले को लेकर जीटीबी अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर्स का कहना है कि यह लापरवाही डॉक्टरों की नहीं है।
बता दें कि डायबिटीज के कारण होने वाले नेत्र रोग रेटिनोपैथी से पीड़ित 22 मरीजों को पिछले शनिवार को जीटीबी अस्पताल के नेत्र विभाग में बुलाकर एवेस्टिन (बीवैसीजुमैब) इंजेक्शन लगाया गया था। सोमवार को जब वे दोबारा जांच के लिए पहुंचे तो उनकी आंखें लाल थीं और लगातार पानी आ रहा था।
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सूत्रों के मुताबिक, इन मरीजों को ओपीडी में बुलाकर इंजेक्शन लगाया गया था। जीटीबी अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सभी मरीज डायबिटिक थे। जो दवा इन मरीजों को दी गई थी, उसके सैंपल को जांच के लिए भेज दिया गया है।
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Source : News Nation Bureau