नए साल में प्रवेश करने में महज हम चंद कदम दूर हैं. ऐसे में पुराने साल में क्या अच्छा हुआ और क्या बुरा उसे याद करने का मौका है. हर क्षेत्र में कुछ अच्छा हुआ तो कुछ बुरा, उसी में एक रेलवे भी है. 2018 भारतीय रेलवे के लिए अच्छा भी रहा और कई दुर्घटनाओं का गवाह भी बना. भारतीय रेल को इस साल पहली स्वदेशी सेमी हाई स्पीड ट्रेन का निर्माण, पहली वातानुकूलित लोकल ट्रेन और सबसे लंबे पुल के उद्घाटन के लिए याद किया जाएगा. इतना ही नहीं डीजल से चलने वाले एक इंजन को बिजली इंजन में बदलने के लिए रेलवे का नाम इतिहास के पन्ने में दर्ज होगा.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा कि पिछले साढ़े चार सालों में हमने परिवर्तनकारी सुधार लागू करने की दिशा में नया माहौल पैदा किया है. इस दौरान महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए गए और सभी हदों को धकेलकर विकास की राह पर आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि अगर भारतीय रेलवे पर उसकी उपलब्धियों के लिए इस साल कोई टैग लगाने की कोशिशकी जाए तो साल 2018 कई शुरुआतों का साल होगा.
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इस साल हाईस्पीड ट्रेन टी-18 का रायबरेली की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री में निर्माण किया जाना भी बड़ी उपलब्धि है. शनिवार (29 दिसंबर) को टी-18 ट्रेन का ट्रायल भी किया गया. दिल्ली से प्रयागराज महज 6 घंटे में यह ट्रेन दूरी तय करेगी. अधिकतम 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली इस ट्रेन को बनाने में 97 करोड़ रुपए खर्च हुए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिसमस पर असम में एशिया का दूसरा सबसे लंबा पुल बोगीबील का उद्घाटन किया. पुल के चालू होने से असम में तिनसुकिया और अरुणाचल प्रदेश में नाहरलगुन के बीच यात्रा समय करीब 10 घंटे तक कम हो गया है. इस पुल की अनुमानित लागत 5,000 करोड़ रुपये है. इस पुल से असम व अरुणाचल प्रदेश में रह रहे करीब 50 लाख लोगों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है.
रेलवे एक और परियोजना के तहत सेमी हाईस्पीड और हाईस्पीड ट्रेनों के परीक्षण के लिए जयपुर और फुलेरा के बीच 40 किलोमीटर के अंडाकार रेलवे ट्रैक बनाने पर भी काम कर रहा है. इस परियोजना के पूरा होते ही भारत ऐसे ट्रैक बनाने वाला पांचवा देश बन जाएगा.
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इसके अलावा यह साल स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने के लिये 12 हजार हॉर्स पावर के इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन को रेलवे के बेड़े में शामिल होने के लिये भी याद किया जाएगा.
मुंबई उपनगरीय रेलवे के लिए पहली एयर कंडीशन लोकल ट्रेन चलाया गया. इसके साथ ही ऐसी और कई ट्रेन लाने की तैयारी रेलवे कर रही है.
साल 2018 को एक ऐसे साल के तौर पर याद किया जाएगा जिसमें रेलवे ने अपना पहला परिवहन विश्वविद्यालय राष्ट्रीय रेल एवं परिवहन संस्थान (एनआरटीआई) स्थापित किया. यह संस्थान गुजरात के वडोदरा में खोला गया. रूस और चीन के बाद यह दुनिया का तीसरा ऐसा विश्वविद्यालय है.
रेल मंत्री पियूष गोयल ने ने इसके साथ ही यह बताया कि कैसे रेलवे ने इस साल सुरक्षा और सेवाओं में सुधार लाने के लिए 1.3 लाख से अधिक पदों पर सबसे बड़ा भर्ती अभियान चलाया.
इसके साथ ही इस बार रेलवे ने कई ऐसे ऐप लॉन्च किए जिसमें टिकटिंग, शिकायतों का समाधान, ट्रेनों का पता लगाना और फूड मेन्यू शामिल है.
लेकिन कहते हैं ना अच्छे के साथ कुछ बुरी याद भी जुड़ जाती है. इसलिए इस साल रेलवे को अमृतसर में दशहरा के मौके पर एक हादसे में 61 लोगों की ट्रेन से कटकर मौत को लेकर भी याद किया जाएगा.
Source : NITU KUMARI