जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले प्रसिद्ध लाल चौक पर तिरंगा फहराने की कोशिश करने पर एक व्यक्ति को स्थानीय लोगों ने पीट दिया। घटना मंगलवार शाम की है। घटना को देखने के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सिटी पुलिस ने उस व्यक्ति को बचा लिया। पुलिस ने मामले में संज्ञान लेते हुए एफआईआर भी दर्ज की है। पुलिस ने इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक राज्य पुलिस ने कहा, 'दोपहर (मंगलवार) को राजनीतिक कार्यों से जुड़े कुछ लोग घंटा घर आए थे। कुछ बदमाश घटनास्थल पर इकट्ठा हुए और उन्हें आपराधिक तरीके से मारपीट कर खराब माहौल तैयार किया।'
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुछ लोगों का एक समूह लाल चौक पर 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराने की कोशिश की थी। इसे देखते हुए कुछ स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई और उन लोगों को पीटना शुरू कर दिया।
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में भी लाल चौक पर तिरंगा फहराने गए शिवसेना के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया था। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने उन्हें चुनौती दी थी जिसके बाद शिवसैनिक लाल चौक पर तिरंगा फहराने गए थे। उस समय शिवसेना के 6 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था।
कश्मीर घाटी में स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले बुधवार को प्रशासन ने अस्थाई रूप से मोबाइल फोन सेवाएं बंद कर दी। घाटी में सुबह ही मोबाइल में इंटरनेट और बात करने की सुविधा दोनों को सभी सेवा प्रदाताओं द्वारा बंद कर दिया गया।
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विभिन्न मोबाइल फोन कंपनियों से जुड़े सूत्रों ने कहा कि उन्हें अगले आदेश तक सेवाओं के संचालन को बंद रखने का निर्देश दिया गया है। पिछले कुछ सालों से 15 अगस्त और 26 जनवरी से पहले मोबाइल फोन कनेक्टिविटी को बंद रखना जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा-व्यवस्था का हिस्सा बन गया है।
मोबाइल फोन कनेक्टिविटी को बंद करने का आदेश इसलिए दिया गया है ताकि आतंकवादियों द्वारा इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज के इस्तेमाल को रोका जा सके।
वहीं बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान मोदी ने सफेद रंग का कुर्ता और केसरिया रंग की पगड़ी पहन रखी थी। उन्होंने 21 बंदूकों की सलामी के बीच 17वीं शताब्दी के स्मारक की प्राचीर से तिरंगा फहराया।
Source : News Nation Bureau