Independence day 2023: भारत को आजादी 15 अगस्त को क्यों मिली, जानें पूरी कहानी

आज भारतवर्ष 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. आज से 77 साल पहले भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी. . लेकिन आप में से कितने लोग जानते है कि भारत आजादी महोत्सव 15 अगस्त को ही क्यों मनाता है या भारत को आजादी 15 अगस्त को ही क्यों दी गई ? आज आप

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Vikash Gupta
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Independence day story

Independence day story ( Photo Credit : News Nation)

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आज भारतवर्ष 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. आज से 77 साल पहले भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली थी. भारत की आजादी के लिए न जाने कितने लोगों ने अपने जान की कुर्बानी दे दी. इसमें कई महान नेता थे. सरदार पटेल, महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जैसे कई सेनानी थे. लेकिन आप में से कितने लोग जानते है कि भारत आजादी महोत्सव 15 अगस्त को ही क्यों मनाता है या भारत को आजादी 15 अगस्त को ही क्यों दी गई ? आज आपकों बताएंगे इसके पीछे की वजह और कहानी.  

दरअसल, कहा जाता है कि ब्रिटिश सरकार के प्लान के अनुसार भारत को आजादी जून 1948 को मिलने वाली थी. इसके लिए प्लान के तहत लार्ड माउंटबेटन को फरवरी 1947 में वायसराय बनाकर भारत भेजा गया था. लेकिन हालात ऐसे बन गए थे कि भारत को गुलाम रखना में काफी परेशनी हो रही थी. वहीं मुस्लिम लीग के नेता मुहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के लिए जिद्द कर बैठे थे. इसके मद्देनेजर 3 जून 1947 को माउंटबेटन ने ऐतिहासिक बैठक की. इस बैठक में फैसला किया गया कि भारत को 15 अगस्त के दिन आजाद कर दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार 15 अगस्त को इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन दो साल पहले 15 अगस्त 1945 को जापान के राजा हिरोहित ने रेडियो के जरिए मित्र देशों के सामने सरेंडर करने का ऐलान किया था. 

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में बैठक शुरू

भारत की आजादी के लिए 14 और 15 अगस्त के बीच संविधान सभा की पांच बैठके हुई. रात 11 डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान सभा की बैठक शुरू हुई. सबसे पहले सुचेता कृपालानी के द्वारा 'वंदे मातरम्' का गाया गया. इसके बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का भाषण शुरू हुआ-  “हमारे इतिहास की इस पवित्र घड़ी में, जब कई वर्षों के संघर्ष के बाद हम इस देश का शासन अपने हाथ में ले रहे हैं, आइए हम उस सर्वशक्तिमान शक्ति को विनम्र धन्यवाद दें जो मनुष्यों और राष्ट्रों की नियति को आकार देती है.” 

भारत ने सत्ता संभाल ली 

पंडित नेहरु ने संविधान सभा में सबसे पहले आजादी का प्रस्ताव पेश किया गया. इसके बाद भाषण हुआ. फिर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने प्रताव दिया की वायसराय को सूचित किया जाता है कि भारत की संविधान सभा ने भारत के शासन के लिए सत्ता संभाल ली है. इसके बाद स्वतंत्रता सेनानी हंस मेहता ने भारत के राष्ट्रीय झंडे का प्रस्ताव पेश किया जिसे स्वीकार किया गया. सुचेता कृपलानी के  ‘सारे जहां से अच्छा’ और ‘जन गण मन’ गान से संविधान सभा का समापन हुआ. 

Source : News Nation Bureau

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