स्वतंत्रता दिवस के दिन अलगाववादियों के बुलाए गए बंद से कश्मीर घाटी के कई इलाकों में बुधवार को आम जनजीवन प्रभावित रहा। बंद के कारण श्रीनगर में सभी दुकानें, पेट्रोल पंप, निजी कार्यालय और व्यवसाय बंद रहे और साथ ही सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा रहा। पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस को लेकर घाटी के कई जगहों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं। श्रीनगर के अलावा घाटी के कई जिलों में बंद का असर देखा गया।
संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) के बैनर तले अलगाववादियों ने लोगों को 15 अगस्त को 'काला दिन' मनाने को कहा। जेआरएल में सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक नेतृत्व कर रहे हैं जिन्होंने लोगों को पूर्ण बंद करने के लिए कहा।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाने के लिए संवेदनशील जगहों के साथ पूरी घाटी में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया है। एहतियातन पूरी घाटी में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
जेआरएल ने एक बयान जारी कर कश्मीरी लोगों के अधिकारों को 'रौंदे' जाने के खिलाफ विरोध जारी किया था। बयान के मुताबिक, 'नई दिल्ली कश्मीर और कश्मीरी लोगों के आवाजों को दबा रहा है। खासकर युवाओं की जिन्हें चुनकर हर दूसरे दिन मारा जा रहा है।'
विभिन्न मोबाइल फोन कंपनियों से जुड़े सूत्रों ने कहा कि उन्हें अगले आदेश तक सेवाओं के संचालन को बंद रखने का निर्देश दिया गया है। पिछले कुछ सालों से 15 अगस्त और 26 जनवरी से पहले मोबाइल फोन कनेक्टिविटी को बंद रखना जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा-व्यवस्था का हिस्सा बन गया है।
इससे पहले श्रीनगर में स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले मंगलवार को प्रसिद्ध लाल चौक पर तिरंगा फहराने की कोशिश करने पर एक व्यक्ति को स्थानीय लोगों ने पीट दिया। घटना मंगलवार शाम की है।
घटना को देखने के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सिटी पुलिस ने उस व्यक्ति को बचा लिया। पुलिस ने मामले में संज्ञान लेते हुए एफआईआर भी दर्ज की है। पुलिस ने इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
Source : News Nation Bureau