स्वतंत्र भारत के पहले वोटर श्याम सरण नेगी ( Shyam Saran Negi ) का आज शनिवार को निधन हो गया है. वह 106 साल के थे. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के रहने वाले श्याम पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे, जिसके चलते उनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका. श्याम सरण ने 2 नवंबर को ही हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव को लिए अपना वोट डाला था. किन्नौर जिला प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया कि देश के सबसे बुजुर्ग वोटर के अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हैं.
106 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
जानकारी के अनुसार उम्रदराज होने की वजह से श्याम सरण को स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. उनकी आंखें काफी कमजोर हो गई थी, जिसकी वजह से उनको बहुत कम दिखाई देने लगा था. जबकि उनको कान से ही काफी दिक्कत हो रही थी. हालांकि उन्होंने 2 नवंबर को अपने जीवन का 34वां मतदान किया. श्याम के बेटे सीपी नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि लंबी बीमारी के कारण उनके पिता श्याम सरण का निधन हो गया. उन्होंने आज सुबह 3 बजे अंतिम सांस ली. जिसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी गई. श्याम के निधन पर देश के नेताओं, सामाजिक संगठनों और जानेमाने लोगों ने दुख जताया है.
1917 में लिया था जन्म
आपको बता दें कि भारत में आजादी के बाद पहली बार 1952 में लोकसभा चुनाव हुए थे. उस समय मौसम संबंधी कारणों को देखते हुए किन्नौर में 6 माह पहले यानि 1951 में चुनाव करा लिए गए थे, जिसमें श्याम सरण नेगी ने पहला वोट डाला था. उनके बारे में अगर बात करें तो 1917 में जन्मे श्याम ने 10 साल की उम्र में स्कूल में दाखिला लिया था और कल्पा में 5वीं तक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए रामपुर आ गए थे. यहां से 9वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वन विभाग में नौकरी शुरू कर दी थी. यहां 6 साल नौकरी करने बाद वह कल्पा में शिक्षक हो गए थे.
Source : News Nation Bureau