अमेरिका ने शनिवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन के बीच एक बैठक के दौरान भारत में मानवाधिकारों को लेकर चिंता जताई. सूत्रों ने कहा कि दोनों अधिकारियों के बीच एक घंटे तक चली चर्चा मानव अधिकारों पर केंद्रित थी. ऑस्टिन ने जयशंकर से कहा कि दुनिया में दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में, मानव अधिकार और मूल्य अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण हैं और वे इन मूल्यों के साथ नेतृत्व करेंगे. जयशंकर ने इस बात पर सहमति जताई और जोर दिया कि दोनों लोकतंत्रों के बीच एक मजबूत रिश्ता न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए भी महत्वपूर्ण है. विचार-विमर्श ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक स्थिति पर थोड़ा ध्यान केंद्रित किया. पूर्वी एशिया में हाल की यात्राओं के बारे में अमेरिकी पक्ष ने जानकारी दी है.
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जयशंकर ने भारत की मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों और हमारे दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टिकोण के बारे में बात की. बातचीत ने बदलते वैश्विक परिदृश्य को भी कवर किया, जिसमें यूरोप और पश्चिम एशिया शामिल हैं. अफगानिस्तान के मुद्दों को भी कुछ विवरणों में संबोधित किया गया है. इस दौरान शांति प्रक्रियाओं और जमीनी स्थिति पर मूल्यांकन का आदान-प्रदान किया गया, साथ ही क्षेत्रीय शक्तियों और पड़ोसियों की चिंताओं और हितों को लेकर भी विचार साझा किए गए.
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जयशंकर ने इस मुद्दे पर भारत के साथ बाइडेन प्रशासन के सहयोग की सराहना की. दोनों पक्षों द्वारा द्विपक्षीय सहयोग की निरंतर वृद्धि को मान्यता दी गई है. जयशंकर ने नेतृत्व के विभिन्न पहलुओं की प्रगति और क्षमता से ऑस्टिन को अवगत कराया. जयशंकर ने सामान्यताओं और अभिसरणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सहयोग को बढ़ाने और इसकी तीव्रता के लिए यह रिश्ता अद्वितीय है, जिसने इतने सारे डोमेन को कवर किया है.
HIGHLIGHTS
- दोनों अधिकारियों के बीच एक घंटे तक चली चर्चा मानव अधिकारों पर केंद्रित थी
- भारत-अमेरिका लोकतंत्रों के बीच एक मजबूत रिश्ता दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण
- विचार-विमर्श ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक स्थिति पर थोड़ा ध्यान केंद्रित किया