अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत और ऑस्ट्रेलिया एक-दूसरे से पूरी तरह सहमत दिखाई दिए. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (FM Dr S Jaishankar) और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष मैरिस पायने (FM Marise Payne ) ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह के आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए. यूएन रेसोलुशन का हवाला देते हुए दोनों विदेश मंत्रियों ने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं और माइनॉरिटी की सुरक्षा एक अहम मुद्दा है. साथ ही मानवीय जरूरतों के आधार पर जो अफगान देश से बाहर जाना चाहते हैं, उन्हें इसका हक मिलना चाहिए.
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इस बातचीत में दोनों ही देशों ने दुनिया में आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर विस्तृत बातचीत की. 9/11 का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि इस आतंकवादी हमले के 20 साल हो चुके हैं और यह हमें आतंकवाद के खिलाफ बिना किसी समझौते के लड़ाई की याद दिलाता है.
इंडो पैसिफिक में चीन के बढ़ते दबदबे पर अंकुश लगाने के लिए बना क्वाड भारत, यूएस, जापान और अब ऑस्ट्रेलिया का भी एक मजबूत गठजोड़ है. क्वाड में ऑस्ट्रेलिया के आने के बाद दोनों देशों में रक्षा सहयोग भी बढ़ा है, जिसका प्रतीक मालाबार एक्सरसाइज, द्विपक्षीय नेवल एक्सरसाइज और अब रक्षा और विदेश मंत्रियों का टू प्लस टू डायलॉग है. बातचीत के दौरान क्वाड की मौजूदा जरूरतों और आपसी सहयोग को बढ़ाने और भी बातचीत हुई, ताकि इंडो पैसिफिक में बेरोक टोक नेविगेशन जारी रहे और अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन हो.
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इस मौके पर ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री ने ऑस्ट्रेलिया में होने वाले महत्वपूर्ण रक्षा अभ्यास तालिस्मन सवेर में भारत को शामिल होने का न्योता दिया. बातचीत के दौरान भारत की तरफ स्टूडेंट वीसा का मसला भी उठा. ऑस्ट्रेलिया भारतीय छात्रों का पसंदीदा डेस्टिनेशन है, लेकिन कोविड के कारण आवागमन में भारी व्यवधान का सामना करना पड़ रहा. इस मुश्किल भरे हालात आए स्टूडेंट को निजाद दिलाने को लेकर भी दोनों देशों में सहमति बनी.
Source : Madhurendra Kumar