चीनी और भारतीय वायु सेना के बीच सीधी हॉटलाइन सेवा शुरू की जा सकती है. पिछले हफ्ते मेजर जनरल स्तर की वार्ता के दौरान भारत ने ये मुद्दा उठाया था. हॉटलाइन को लेकर दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर भविष्य की बैठकों में चर्चा हो सकती है. सूत्रों ने कहा कि वायु सेना के बीच एक सीधी हॉटलाइन की आवश्यकता महसूस की गई क्योंकि लड़ाकू विमानों से जुड़े मुद्दे बहुत तेजी से बढ़ सकते हैं और एक बड़े संघर्ष का कारण बन सकते हैं. गौरतलब है कि चीनी लड़ाकू विमानों ने एलएसी के बेहद नजदीक कई बार उड़ान भरी है, जो 10 किलोमीटर की कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेजर लाइन का उल्लंघन है. ड्रैगन के लड़ाकू विमानों ने ऐसा ही एक उल्लंघन 25 जून को भी किया था, जिसके जवाब में भारतीय लड़ाकू विमानों ने भी एलएसी के पास उड़ान भरी थी. साथ ही चीन से इस पर कड़ी आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी.
सूत्रों के मुताबिक पिछले सप्ताह हुई वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने उनसे ऐसी गतिविधियों से बचने के लिए कहा जबकि चीनियों ने शिकायत की कि भारतीय वायु सेना सीमा पर अपनी तरफ से व्यापक उड़ान भर रही है. जम्मू और कश्मीर में पास के एक एयरबेस से मिराज 2000 विमान ने अपने क्षेत्र के अंदर उड़ान भरी थी और प्रतिक्रिया समय के संदर्भ में उनकी अपेक्षा से कहीं अधिक तेजी से संभावित घुसपैठ के क्षेत्रों में पहुंचकर चीनी वायु सेना के विमानों को आश्चर्यचकित कर दिया था. भारतीय पक्ष में सेना के प्रतिनिधि भी शामिल थे और वायु सेना के अब से दोनों पक्षों के बीच सभी सैन्य वार्ता का हिस्सा होने की संभावना है।
भारतीय सेना एलएसी के पार फिंगर एरिया और हॉट स्प्रिंग्स के पास तनाव वाले स्थानों के पास चीनी गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखे हुए है. इस बीच भारतीय और चीनी सेना भी करीबी कामकाजी संबंध बनाए हुए हैं क्योंकि चुमार सीमा के पास तैनात आईटीबीपी का एक जवान सोमवार शाम को लापता हो गया था. उसकी तलाश करते हुए भारतीय पक्ष ने चीनी पक्ष को यह जांचने के लिए भी सूचित किया कि क्या वह अनजाने में दूसरी तरफ पार कर गया है. गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच कई स्तर की कूटनीतिक और सैन्य वार्ता के बावजूद रिश्तों पर जमी बर्फ पिघल नहीं पा रही है.
HIGHLIGHTS
- पिछले सप्ताह मेजर जनरल स्तर की बातचीत में उठा मुद्दा
- ड्रैगन के लड़ाकू विमान कई बार कर चुके समझौते का उल्लंघन