भारत और डेनमार्क ने आपस में जुड़ी दुनिया के समक्ष मौजूद कोविड-19 (Covid-19) के खतरे पर मंगलवार को चर्चा की और चिकित्सा अनुसंधान, परीक्षण किट तथा टीके के विकास पर सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से इस महामारी का मिलकर मुकाबला करने का निश्चय किया. दोनों देशों ने कोविड-19 से उत्पन्न गहरे वैश्विक आर्थिक संकट से पैदा हुई चुनौतियों पर भी चर्चा की. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने डेनमार्क के विदेश मंत्री जेप्पी कोफोड के साथ पहली बार आभाषी माध्यम से संयुक्त आयोग की बैठक की और द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों की समीक्षा की.
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यह भारत-डेनमार्क संयुक्त आयोग की तीसरी बैठक थी. विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार दोनों मंत्रियों ने कहा कि यह महामारी आपस में जुड़ी दुनिया के लिए अहम खतरा है और यह देशों को यात्रा पाबंदियों के लिए बाध्य कर रही है. बयान में कहा गया, ‘दोनों पक्ष मेडिकल अनुसंधान, परीक्षण किट और टीके के विकास पर सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से कोविड-19 महामारी का मिलकर मुकाबला करने पर सहमत हुए.’’
जयशंकर ने अपने ट्वीट में कहा कि बैठक में स्वच्छ प्रौद्योगिकी, शहरीकरण, नवीन ऊर्जा, हरित समाधान, खाद्य प्रसंस्करण पर सहयोग मजबूत बनाने पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि पहली बार आज आभाषी माध्यम से संयुक्त आयोग की बैठक की. यह अन्य देशों के सहयोगियों को ऐसा (आभाषी माध्यम का उपयोग करने) करने को प्रेरित करेगी.
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जयशंकर ने कहा, ‘हमारे संबंधों की सार्थक समीक्षा हुई . स्वच्छ प्रौद्योगिकी, शहरीकरण, नवीन ऊर्जा, हरित समाधान, खाद्य प्रसंस्करण पर सहयोग मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया. अधिक मजबूत गठजोड़ पर भी चर्चा हुई.’
Source : Bhasha