यूरोपीय संघ (ईयू) के सूत्रों का कहना है कि भारत और यूरोपीय संघ (EU) को परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को सुरक्षित करने की दिशा में काम करना है. EU भारत का व्यापारिक साझेदार है और सबसे बड़ा निवेश भागीदार भी है. हमारे पास एक व्यापक विदेश व्यापार समझौते (एफटीए) को विकसित करने की बहुत संभावना है.
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यूपीय संघ का मानना है कि हमारे पास भारत के साथ अप्रयुक्त व्यापार क्षमता है। पर्यावरणीय मुद्दों से लड़ने के लिए भारत महत्वपूर्ण भागीदार है. न्यूज एजेंसी ANI को यूरोपीय संघ के सूत्र ने कहा कि कि यूरोपीय संघ को उम्मीद है कि भारत और चीन-एशिया के शक्तिशाली और प्रभावशाली खिलाड़ी हैं. उन्हें LAC में स्थिति सामान्य करने के लिए बातचीत करनी चाहिए. हम चाहते हैं कि प्रमुख क्षेत्रों से डी-एस्केलेशन, विघटन और सेनाओं को वापस बुलाया जाए. यूरोपीय संघ पूरी तरह से भारत और चीन के बीच पड़ोसी संबंधों का समर्थन करता है.
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सूत्रों का कहना है कि यूरोपीय यूनियन भारत के साथ संबंध को प्रगाढ़ करने का समर्थन करता है. भारत और यूरोपीय संघ के वर्चुअल समिट में बुधवार को संबंधों को लेकर चर्चा होगी.
15 जुलाई को होगा शिखर सम्मेलन
भारत और यूरोपीय संघ के बीच 15 जुलाई को होने वाली शिखर बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. कोरोना वायरस के कारण यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी. वहीं, इंडिया-ईयू मुक्त व्यापार समझौते व निवेश करार के लिए जारी कवायद को रफ्तार देने का मौका मिलेगा. यूरोप के 27 देशों के कुनबे के साथ हो रही इस बैठक में भारत को यूरोपीय संघ के इलाके में चीन का दबदबा भी खत्म करने का मौका मिलेगा.
Source : News Nation Bureau