भारत और पाकिस्तान ने 12 वर्षों से चली आ रही परंपरा को जारी रखते हुए एक द्विपक्षीय समझौते के तहत नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची का आदान-प्रदान किया है. दोनों देशों के बीच इस सूची का लेनदेन नई दिल्ली और इस्लामाबाद में हुआ. 2008 के समझौते के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को ऐसी लिस्टों का आदान-प्रदान किया जाता है.
यह भी पढ़ेंः GST को लेकर मोदी सरकार को राहत, दिसंबर में भी 1 लाख करोड़ से अधिक रहा जीएसटी कलेक्शन
विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत ने पाकिस्तान को 267 पाकिस्तानी नागरिक कैदियों और 99 मछुआरों की सूची सौंपी, जो भारत के जेल में बंद हैं. इसी तरह पाकिस्तान ने भारत को 55 कैदियों और 227 मछुआरों की सूची साझा की है, जो भारतीय हैं या भारतीय होने का दावा कर रहे हैं. बता दें कि भारत और पाकिस्तान ने 29 वर्षों से चली आ रही परंपरा को जारी रखते हुए एक द्विपक्षीय व्यवस्था के तहत बुधवार को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया. यह व्यवस्था दोनों देशों को एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने से रोकता है.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों ने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों के खिलाफ हमले पर रोक के समझौते के तहत आने वाले परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की सूची का आदान-प्रदान किया. यह नई दिल्ली और इस्लामाबाद में कूटनीतिक माध्यमों के जरिए किया गया. दोनों देशों के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर चल रहे कूटनीतिक तनाव के मद्देजनर सूची का आदान-प्रदान किया गया.
यह भी पढ़ेंःCAA पर बोले रविशंकर प्रसाद- हिंसा में PFI की भूमिका, गृह मंत्रालय करेगा कार्रवाई
इस समझौते पर 31 दिसंबर 1988 में हस्ताक्षर किए गए थे और यह 27 जनवरी 1991 को लागू हुआ. इस समझौते के तहत दोनों देशों के लिए हर साल एक जनवरी को एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों और केंद्रों की सूचना देना अनिवार्य है. पहली बार एक जनवरी 1992 को सूची का आदान-प्रदान किया गया था और यह लगातार 29वां साल है.
Source : News Nation Bureau