भारत ने बुधवार को मध्य एशियाई देशों में ''प्राथमिकता'' वाली विकास परियोजनाओं के लिए एक अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया. भारत ने आतंकवाद और उग्रवाद की आम चुनौतियों का सामना करने सहित संसाधन-समृद्ध इस क्षेत्र के साथ सहयोग को और विस्तार देने की भी प्रतिबद्धता जताई. भारत-मध्य एशिया वार्ता की दूसरी बैठक के दौरान भारत द्वारा वित्तीय सहायता की राशि के संबंध में घोषणा की गई. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच सहयोग को विस्तार देने के तौर-तरीकों के साथ ही अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई. इस ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की.
इस दौरान कजाखस्तान, तजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के उनके समकक्षों ने भी बैठक में हिस्सा लिया जबकि किर्गिस्तान के प्रथम उप विदेश मंत्री और अफगानिस्तान के कार्यकारी विदेश मंत्री भी विशेष आमंत्रित के तौर पर शामिल हुए. वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया, '' मध्य एशियाई देशों के मंत्रियों ने कनेक्टिविटी, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि जैसे क्षेत्रों में प्राथमिकता आधारित विकास परियोजनाओं के लिए भारत की ओर से एक अरब डॉलर की आर्थिक सहायता की घोषणा का स्वागत किया.'' बयान के मुताबिक, मंत्रियों ने आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा की.
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