अब चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) की खैर नहीं है. भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत बढ़ाने के लिए भारत (India) ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है. डिफेंस एक्विजिशन कमेटी (Defense Acquisition Committee) ने 13700 करोड़ के हथियारों को खरीदने की मंजूरी दे दी है. भारत के इस फैसले से पाकिस्तान और चीन को चिंतित होना लाजिमी है. बताया जा रहा है कि सीमा पर बढ़ती तरकरार को देखते हुए इंडिया ने इतनी बड़ी खरीद को मंजूरी दी है. इस खरीद के तहत बड़े-बड़े टैंक और हथियार खरीदे जाएंगे.
डिफेंस एक्विजिशन कमेटी ने 13700 करोड़ के हथियारों को खरीदने की अनुमति दे दी है. इस खरीद के तहत मार्क-1 के 118 अर्जुन टैंक खरीदे जाएंगे. 8397 करोड़ में 118 अर्जुन टैंक खरीदे जाएंगे. साथ ही 820 AFV यानी आर्म्ड फोर्सेज प्रोटेक्शन व्हिकल भी खरीदे जाएंगे, जिसके लिए 5300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वहीं, गुजरात के केवडिया में 6 मार्च को कमांडर कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे. तीनों सेना की कमांडर कांफ्रेस में पीएम मोदी बोलेंगे. 4, 5 और 6 मार्च को कमांडर कांफ्रेंस है.
भारत ने तेजस सहित 156 रक्षा हथियारों के निर्यात को दी मंजूरी
मित्र देशों को अपने हथियारों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत ने पिछले दिनों स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान तेजस, आर्टिलरी गन, विस्फोटक, टैंक और मिसाइल, एंटी टैंक माइंस और अन्य के निर्यात को मंजूरी दे दी थी. कुल मिलाकर, सरकार ने 156 रक्षा हथियारों, उपकरणों के निर्यात को मंजूरी दी. इनमें 19 एरोनॉटिकल सिस्टम्स, 16 परमाणु-जैविक-रासायनिक उपकरण, 41 आयुध और लड़ाकू सिस्टम, 28 नौसैनिक सिस्टम, 27 इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन सिस्टम, 10 जीवन सुरक्षा आइटम, चार मिसाइल सिस्टम, चार माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और सात अन्य मैटेरियल शामिल हैं.
यह सूची रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा जारी की गई. इससे पहले, यह आकाश मिसाइल थी जिसे निर्यात के लिए मंजूरी दी गई थी, लेकिन अब 'बियांड विजुअल रेंज' (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल नाग और ब्रह्मोस वेपन सिस्टम निर्यात के लिए तैयार हैं. आकाश सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल प्रणाली है जो कम दूरी की एयर डिफेंस प्रदान करती है.
हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल
अस्त्र मिसाइल बियांड विजुअल हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जो भारतीय वायु सेना की सुखोई 30 एमकेआई के साथ इंटीग्रेटेड है. आने वाले समय में, अन्य भारतीय लड़ाकू विमानों के भी अस्त्र के साथ इंटीग्रेटेड किया जाएगा. ब्रह्मोस सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा उपयोग के लिए एक सुपरसोनिक मिसाइल है. इस यूनिवर्सल मिसाइल को जहाजों, मोबाइल लांचर, पनडुब्बियों और एयरक्राफ्ट से लॉन्च किया जा सकता है.
Source : News Nation Bureau