लद्दाख में भारत और चीन के बीच गतिरोध को लगभग 6 महीने होने को हैं, मगर समाधान अभी तक नहीं निकला है. सीमा पर तनाव को कम करने के लिए सोमवार को एक बार फिर सैन्य वार्ता हुई. जिसमें भारत ने फिर चीन को दो टूक कहा कि बीजिंग पूर्व की यथास्थिति स्थापित और विवाद के सभी बिन्दुओं से सैनिकों की पूर्ण वापसी करे. सोमवार को यह वार्ता सातवीं बार हुई है.
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सूत्रों के मुताबिक, वार्ता का एजेंडा विवाद के सभी बिन्दुओं से सैनिकों की वापसी के लिए एक प्रारूप को अंतिम रूप देने का था. गतिरोध के समाधान के लिए सोमवार को भारत और चीन के बीच 7वें दौर की सैन्य वार्ता में हुई. पूर्वी लद्दाख में कोर कमांडर स्तर की वार्ता दोपहर लगभग 12 बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चुशूल क्षेत्र में भारतीय इलाके में हुई और रात साढ़े आठ बजे के बाद भी जारी रही. हालांकि वार्ता के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
गौरतलब है कि सीमा विवाद छठे महीने में प्रवेश कर चुका है और विवाद का जल्द समाधान के आसार कम ही दिखते हैं क्योंकि भारत और चीन ने बेहद ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगभग एक लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं जो लंबे गतिरोध में डटे रहने की तैयारी है.
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इस सैन्य वार्ता में भारतीय प्रतिनिधमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव कर रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि वार्ता में चीनी विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी भी चीनी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा है.
HIGHLIGHTS
- पूर्वी लद्दाख में 5 महीने से गतिरोध जारी
- अब तक 7वें दौर की बातचीत हुई
- विवाद जल्द खत्म होने के आसार कम