चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने चीन के साथ उन देशों से सार्वजनिक खरीद पर रोक लगा दी है जिनकी सीमा भारत से सटी हुई है. सरकार के आदेश के मुताबिक इन देशों की कंपनी सुरक्षा मंजूरी और विशेष समिति के पास रजिस्ट्रेशन के बाद ही टेंडर भर सकेगी. ये कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब भारत-चीन के बीच सीमा पर तनाव जारी है औऱ लगातार कमांडर स्तरीय लेवल की बैठकें चल रही हैं.
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#BREAKING: India’s big move against China. New amendment by India makes it difficult for Chinese Companies to participate in Indian Public Procurement. Bidder sharing land border with India needs registeration with Competent Authority and political/security clearance from MHA. pic.twitter.com/TVmnNjImCH
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 23, 2020
गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि भारत सरकार सामान्य वित्तीय नियम 2017 में संशोधन किया गया है जिससे भारत से सटे देशों के बोलीदाताओं पर नियत्रण लगाया जा सके. देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये कदम उठाया गया है.
आदेश के मुताबिक भारत की सीमा से लगे देशों की कंपनियां भारत में सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए चीजें, सेवाओं की आपूर्ति या परियोजना के कामों में तभी टेंडर भर पाएगी जब वजह रजिस्ट्रेशन करवाएगी. जानकारी के मुताबिक रजिस्ट्रेशन के लिए उचित प्राधिकरण उद्योग सवर्धन और आतंरिक व्यापार विभाग द्वारा गठित पंजीकृत समिति होगी. इसके लिए गृह मंत्रालय से राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी मंजूरी लेना अनिवनार्य होगा.
ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भी नया नियम
वहीं केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स (E-Commerce) कंपनियों को लेकर नया रूल जारी किया है. अब किसी भी ई-कॉमर्स साइट पर मिलने वाले उत्पादों पर यह लिखा होना जरूरी है कि वह सामान कहां बना है. अगर कोई ई-कॉमर्स कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएंगी. इसके लिए सरकार ने 'Consumer Protection (E-Commerce) Rules 2020 को नोटिफाई किया है.
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सभी इलेक्ट्रॉनिक खुदरा विक्रेताओं पर लागू
इस नियम को सभी कंपनियों पर लागू किया गया है. वह चाहें भारत की कंपनी हो या कोई भी विदेशी. यह नियम भारतीय ग्राहकों को सामान और सेवाएं देने वाले सभी इलेक्ट्रॉनिक खुदरा विक्रेताओं पर लागू होगा. नए नियमों के अनुसार ई-कॉमर्स कंपनियों को बिक्री के लिए रखे गये सामानों और सेवाओं की कुल कीमत के साथ अन्य शुल्कों का पूरा ब्योरा देना होगा. साथ ही उन्हें यह भी बताना होगा कि वस्तु की मियाद कब समाप्त होगी यानी यानी उसकी 'एक्सपायरी' तारीख क्या है.
मेड इन कंट्री बताना सबसे जरूरी
खास बात यह है कि वस्तु और सेवाओं की उत्पत्ति किस देश में हुई, जानकारी देना सबसे जरूरी है. इसका मकसद यह है कि ग्राहक सामान या सेवाएं खरीदने से पहले पूरी जानकारी के साथ निर्णय कर सके. इसके साथ ही नियमों के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों को रिटर्न, रिफंड, समान को बदलने, वारंटी और गारंटी, आपूर्ति तथा अन्य सूचनाएं देनी होगी जो ग्राहकों के लिए सामान की खरीद को लेकर निर्णय करने को लेकर जरूरत हो सकती है.