बीते दिनों देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का उद्घाटन हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश के सपूतों की तारीफ करने पर भी उनकी आलोचना हो रही है, जबकि कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा कांग्रेस के नेताओं का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है। उधर बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने सिर्फ एक परिवार को सम्मान दिया...ना कि पटेल, बोस और डॉ. आंबेडकर जैसे नायकों को।
इस बीच आधुनिक भारत के इतिहास से जुड़े ढेरों तथ्यों को भी अपने—अपने हिसाब से समझाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो कश्मीर में आज जैसे हालात ना होते! आरोप है कि नेहरू ही मुल्क के बंटवारे के जिम्मेदार थे ताकि वो भारत के पीएम बन जाएं। विपक्ष की मानें तो नेहरू ने ही डॉं आम्बेडकर को चुनाव हरवा दिया। सुभाष चन्द्र बोस की अनदेखी की और मौलाना अबुल कलाम आजाद की भी।
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वैसे हमले बीजेपी और संघ पर भी जारी हैं। कांग्रेस याद दिला रही है कि सरदार पटेल ही थे, जिन्होंने संघ पर प्रतिबंध लगाया। आरोप है कि आजादी की लड़ाई से संघ दूर थी। आरोप तो ये भी कि अंग्रेजों को संघ का साथ था।
ऐसे में आजादी की लड़ाई और उसके नायकों का सच आखिर है क्या? क्या वाकई कांग्रेस ने आजादी के नायकों की अनदेखी की है? क्या बीजेपी नायकों पर सियासत कर रही है?
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Source : News Nation Bureau