पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में लगभग एक महीने से जारी गतिरोध को दूर करने के लिए चुशूल मोलडू सेक्टर में शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत में भारत-चीन (Indo-China) के बीच इस बात पर सहमति बनी कि दोनों देश शांतिपूर्ण ढंग से द्विपक्षीय मसलों के समाधान के लिए सहमत हैं. इसके साथ ही सीमा विवाद (Border Standoff) से जुड़े मसलों को सुलझाने के लिए भारत-चीन के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता आगे भी जारी रहेगी. रविवार को विदेश मंत्रालयकी ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच बातचीत सकारात्मक और अच्छे माहौल में हुई. दोनों पक्षों ने ये भी कहा कि इस साल दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ है. ऐसे में इस बात पर सहमति जताई गई कि रिश्तों को मजबूत करने के लिए आगे भी बातचीत जारी रहेगी.
Both sides also noted that this year marked the 70th anniversary of the establishment of diplomatic relations between the two countries (India and China) and agreed that an early resolution would contribute to the further development of the relationship: MEA
— ANI (@ANI) June 7, 2020
अच्छे और सकारात्मक माहौल में हुई बातचीत
इस लिहाज से देखें तो पूर्वी लद्दाख में भारत चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास विवाद सुलझता दिख रहा है. भारत और चीन के बीच शनिवार को सैन्य स्तरीय बातचीत सकारात्मक रही. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देश शांतिपूर्ण ढंग से समस्या के समाधान के लिए सहमत हो गए हैं. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'दोनों देश कई द्विपक्षीय समझौतों के तहत सीमा के हालात को शांत करने की कोशिश करेंगे. द्विपक्षीय रिश्तों और बॉर्डर इलाकों के विकास के लिए शांति जरूरी है.' दोनों पक्ष समस्या को सुलझाने और सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए आगे भी बातचीत जारी रखेंगे. माना जाता है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी, पैंगोंग सो और गोगरा में यथा स्थिति की पुन:बहाली के लिए दबाव बनाया है.
साढ़े पांच घंटे चली थी शनिवार को बैठक
चीन की सीमा के अंतर्गत मोलडो चुशूल में हुई बातचीत करीब साढ़े पांच घंटे चली. सूत्रों ने बताया था कि दोनों पक्षों ने अपनी मांग एक दूसरे के सामने रखी है. दोनों पक्षों में बातचीत सकारात्मक माहौल में खत्म हुई है. इससे आगे बातचीत का रास्ता खुला हुआ है. माना जा रहा था कि इस बातचीत में भारत ने दो टूक कहा है कि अप्रैल 2020 की स्थिति सीमा पर कायम हो. वार्ता के दौरान भारत ने चीनी सेना से पीछे हटने को भी कहा है. वहीं, सीमा पर सड़क निर्माण रोकने की चीन की मांग को भी भारत ने खारिज कर दिया है. सूत्रों ने कहा कि दोनों सेनाओं में स्थानीय कमांडरों के स्तर पर 12 दौर की बातचीत तथा मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच तीन दौर की बातचीत के बाद कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने पर शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर बातचीत हुई.