सीमा विवाद के मामले में भारत ने चीन को दो-टूक जवाब दिया है। राज्यसभा में बयान देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्पष्ट लहजे में कहा कि भारत सिक्किम के डाकोला से तभी सेना को हटाएगा, जब चीन अपनी सेना को वापस बुलाएगा।
सुषमा ने कहा कि सीमा विवाद के मामले में भारत पंचशील समझौते के तहत काम कर रहा है और चीन को भी इस समझौते का पालन करना चाहिए। सुषमा स्वराज ने कहा, 'हम चाहते हैं की डाकोला में यथास्थिति बहाल हो। दोनों देश अपनी सेना डाकोला से हटाए।'
उन्होंने साफ शब्दों में कहा, 'भारत का रूख साफ है। डाकोला से भारत अपनी सेना तभी हटाएगा जब चीन वहां से अपनी सेना हटा ले।' विदेश मंत्री ने डाकोला में चीन की मौजूदगी को सुरक्षा के लिए चुनौती बताया।
सुषमा ने कहा, 'इस मामले में सारे देश हमारे साथ हैं। देश समझ रहा हैं की भारत ने जो अपना मत रखा है वह गलत नहीं है।' दरअसल विपक्षी दल सरकार से ताजा तनाव को लेकर भारत की चीन के प्रति रूख बताने की मांग कर रहे थे। जिसके बाद केंद्र सरकार ने पहली बार खुलकर अपनी राय रखी है।
सिक्किम सेक्टर के डाकोला में पिछले करीब एक महीने से भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव है। चीन ने बार-बार कहा है कि भारत पहले डाकोला से सेना को हटाए तभी भारत से किसी तरह की बातचीत होगी।
चीन और भारत के बीच 3,488 किमी लंबी सीमा है, जिसमें से 220 किमी सिक्किम में पड़ती है, जहां डोकलाम स्थित है। डोकलाम भारत, चीन व भूटान के बीच तिराहा है।
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चीन डोकलाम पर दावा करता है, जबकि भारत व भूटान इसे खारिज करते हैं और डोकलाम के स्वामित्व को एक लंबित मुद्दा बताते हैं। चीन ने कहा कि भारत ने चीनी सीमा में अवैध तौर पर दाखिल होकर अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है। इसके पीछे चीन की कोशिश अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल करने की है।
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HIGHLIGHTS
- सुषमा स्वराज ने कहा, डाकोला से भारत अपनी सेना तभी हटाएगा जब चीन भी अपनी सेना हटाये
- विदेश मंत्री ने राज्यसभा में चीन पर कहा, भारत पंचशील समझौते के तहत काम कर रहा है
- विदेश मंत्री ने डाकोला में चीन की मौजूदगी को सुरक्षा के लिए चुनौती बताया
Source : News Nation Bureau