चीन (China) के दुष्प्रचार का भारत के विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि गलवान घाटी (Galwan Valley) पर चीन का दावा अतीत की चीन की स्थिति के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि गलवान घाटी के संबंध में स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है. लेकिन चीन मई 2020 से ही भारत की पेट्रोलिंग में रोड़ा अटकाने की कोशिश कर रहा है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन का दावा स्वीकार नहीं है.
उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष द्वारा अतिक्रमण के किसी भी प्रयास का हमेशा हमारी ओर से उचित जवाब दिया गया है. गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर चीनी पक्ष की ओर से बढ़ा-चढाकर और झूठे दावे करने के प्रयास स्वीकार्य नहीं है.
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गौरतलब है कि सोमवार की शाम गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने हताहतों की संख्या अभी तक नहीं बताई है. श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय सेनाएं गलवान घाटी समेत भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के सभी सेक्टरों में एलएसी की स्थिति से पूरी तरह परिचित हैं.
उन्होंने कहा कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक लंबे समय से इस इलाके में गश्त करते रहे है और कोई घटना नहीं हुई.
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श्रीवास्तव ने कहा कि मई के मध्य से भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर के अन्य इलाकों में चीनी पक्ष ने एलएसी के उल्लंघन करने के प्रयास किये. उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष के इन प्रयासों का हमेशा हमारी ओर से उचित जवाब दिया गया है.
श्रीवास्तव ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि चीनी पक्ष दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हाल ही में सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए बनी सहमति का ईमानदारी से पालन करेगा.
Source : News Nation Bureau