भारत-चीन के बीच हिंसक झड़प में सेना के 20 जवानों की शहादत से पूरा देश इस वक्त गुस्से में है और इन जवानों की शहादत का बदला लेने की मांग कर रहा है. कई लोग चीनी सामानों को बायकॉट करने की भी मांग कर रहे हैं.
मशहूर कवि कुमार विश्वास ने भी यही मांग उठाई है और मोदी सरकार को आश्वासन दिया है कि वो गर लड़ाई से लड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि, 'चीनी कम्पनियों के ठेके रद्द करिए,इनके निवेश को बाहर फेंकिए, चीनी उत्पादों के ख़िलाफ़ देश को तैयार कीजिए! चीनी उत्पादों के समतुल्य बनाने वाली भारतीय कम्पनियों को टैक्स-छूट दीजिए. हम घास की रोटी खाकर भी देश के स्वाभिमान के लिए लड़ने वाले महाराणा के वंशज है. पीएम मोदी साहस जुटाइए.'
चीनी कम्पनियों के ठेके रद्द करिए,इनके निवेश को बाहर फेंकिए,चीनी उत्पादों के ख़िलाफ़ देश को तैयार कीजिए ! चीनी उत्पादों के समतुल्य बनाने वाली भारतीय कम्पनियों को टैक्स-छूट दीजिए
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) June 17, 2020
हम घास की रोटी खाकर भी देश के स्वाभिमान के लिए लडने वाले महाराणा के वंशज है @PMOIndia साहस जुटाइए🇮🇳 https://t.co/WuzOEu5cDB
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इस बीच पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हिंसक संघर्ष को लेकर गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच तीन घंटे चली वार्ता बुधवार को दिन की समाप्ति के साथ बेनतीजा समाप्त हो गई. हालांकि बातचीत गुरुवार को भी जारी रहेगी. दोनों सेनाओं के बीच यह संघर्ष गलवान नदी (Galwan River) के दक्षिणी तट पर हुआ था. यह नदी पूरब से पश्चिम की ओर बहती है और श्योक नदी में जाकर मिल जाती है. इस संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के बीच बुधवार की देर शाम एक घंटे तक अहम बैठक चली. इस दौरान रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को सैन्य तैयारियों और लद्दाख सीमा पर ताजा हालात के बारे में जानकारी दी.
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आज भी जारी रहेगी सैन्य बातचीत
बुधवार को दोनों पक्षो में बातचीत यह सुनिश्चित करने के लिए हुई है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी गलवान घाटी से अपने सैनिकों को वापस हटाए और सभी मिलिट्री ग्रेड टेंट्स वहां से हटा ले, जिनमें चीनी सैनिक रहते हैं. दोनों सेनाओं ने संघर्ष स्थल पर सैनिकों की फिर से तैनाती कर दी है. सूत्रों ने कहा कि भारतीय सैन्य अधिकारियों ने चीनी समकक्षों से स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें हर हाल में पीछे हटना होगा. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'बातचीत गुरुवार को भी जारी रहेगी. भारत की ओर से नियुक्त एक मेजर जनरल कल (गरुवार) अपने चीनी समकक्ष के साथ फिर बातचीत करेंगे.'