भारत-चीन के बीच जारी तनावपूर्ण स्थिति के बीच दोनों के बीच मिलिट्री कमांडर लेवल की बैठक लगातार जारी है. इस बैठक में भारत ने साफ कर दिया है कि चीन के पास पीछे हटने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. भारत ने कह दिया है कि पैंगोंग और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोव पर जहां-जहां चीनी सेना मौजूद है, उसे पीछे जाना ही होगा. भारत को 5 मई से पहले वाली स्थिति चाहिए.
भारत ने चीन को सलाह दी है कि चीनी कमांडर बैठक के दौरान उकसाने के बजाय इस बात पर चर्चा करें कि LAC कहां तक हैं. भारत इस पूरे मुद्दो को बातचीत से हल करना चाहता है, हालांकि उसने इस बात को भी साफ कर दिया है चीन की हरकतों का जवाब देने में वह अब देर नहीं करेगा. बता दें, चीन दुनियाभर में अलग-थलग पड़ चुका है जबकि भारत को कई देशों का सपोर्ट मिला है.
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भारत और चीन के बीच बातचीत के दौरान बनी सहमति के अनुरूप चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से नहीं हटे हैं. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवानों के गैर प्रतिबद्ध रवैये को देखते हुए, भारत इस नतीजे पर पहुंचा है कि पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल है और इस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है.
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चीन की नीयत में खोट
भारत और चीन के बीच बातचीत के दौरान बनी सहमति के अनुरूप चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से नहीं हटे हैं. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवानों के गैर प्रतिबद्ध रवैये को देखते हुए, भारत इस नतीजे पर पहुंचा है कि पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल है और इस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है.
पीछे हटने के बाद वापस आए चीनी सैनिक
भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान में मौजूद सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना पहले कुछ पीछे हटी थी, लेकिन फिर वापस आ गई, इसलिए चीनी सैन्य प्रतिनिधियों के साथ बैठक में बनी आम सहमति को लेकर लगातार सत्यापन किए जाने की जरूरत है. यह पाया गया था कि भारतीय और चीनी सेना पेंगांग लेक में दो किलोमीटर तक पीछे हट गई थी और फिंगर-4 खाली हो गया था. हालांकि चीनी अभी भी रिज लाइन के पास डटे हुए हैं. यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि चीनी फिंगर 4 के पास मौजूद थे, जो कि पारंपरिक रूप से भारत के अधीन क्षेत्र में आता है.
भारत और चीन के बीच बातचीत के दौरान बनी सहमति के अनुरूप चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से नहीं हटे हैं. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के जवानों के गैर प्रतिबद्ध रवैये को देखते हुए, भारत इस नतीजे पर पहुंचा है कि पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल है और इस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है.