पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध को सालभर से ज्यादा वक्त हो चुका है, आज भी दोनों देश टकराव की स्थिति में हैं. तनाव को दूर करने के लिए भारत और चीन सैन्य स्तर की बातचीत के मेज पर कई दफा बैठ चुके हैं, मगर बार बार चीन धोखा और दगाबाजी कर देता है. एलएसी पर ड्रैगन पीछे हटने को तैयार नहीं है, लिहाजा उसके जवाब में भारत भी डटकर खड़ा है. हालांकि करीब तीन महीने बाद एक बार फिर से भारत और चीन बातचीत की मेज पर आमने-सामने होने वाले हैं. 24 जून यानी कल पूर्वी लद्दाख के गतिरोध पर एक और दौर की राजनयिक वार्ता होने की संभावना है.
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पूर्वी लद्दाख को लेकर वार्तालाप की बात बीते दिनों खुद भारतीय वायुसेना के एयर चीफ मार्शन ने कही थी. उन्होंने पूर्वी लद्दाख के हालात पर वार्ता जारी रहने की जानकारी दी थी. भदौरिया ने कहा था कि अगले दौर के लिए बातचीत चल रही है. कमांडर स्तर की वार्ता का प्रस्ताव है और निर्णय लिए जाएंगे. उन्होंने कहा था कि पहला प्रयास बातचीत जारी रखने और संतुलन घर्षण बिंदुओं को हटाने और इसे डी-एस्केलेशन के साथ पालन करने का है. उन्होंने कहा था कि समानांतर में मौजूदा बचे हुए स्थानों, तैनाती या किसी भी बदलाव के संदर्भ में जमीनी हकीकत की बारीकी से निगरानी की जा रही है. हम अपनी ओर से सभी आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं.
सीमा विवाद को लेकर जारी तनाव के बीच बृहस्पतिवार को एक और दौर की वार्ता होने की संभावना है. ऐसा माना जा रहा है कि इस दौरान गतिरोध वाले बाकी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पर चर्चा की जाएगी. सूत्र बताते हैं कि भारत-चीन के बीच सीमा मामलों को लेकर परामर्श एवं समन्वय के लिए स्थापित कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के अंतर्गत वार्ता होगी. इस दौरान दौरान पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव कम करने के व्यापक सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है. माना यह भी जा रहा है कि राजनयिक चर्चा के बाद कोर कमांडर स्तर के अधिकारियों के बीच भी वार्ता हो सकती है.
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ब तीन महीने पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक स्तर की वार्ता हुई थी. इससे पहले डब्ल्यूएमसीसी के तहत पिछले दौर की वार्ता 12 मार्च को हुई थी. अब तक दोनों देशों के बीच करीब 11 दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है. बावजूद इसके आज भी दोनों देशों के बीच गतिरोध कायम है. हालांकि समझौते के तहत दोनों देशों ने फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी की थी. फिलहाल दोनों देशों के बीच गतिरोध के बाकी हिस्सों से सैनिकों की वापसी को लेकर बातचीत जारी है.
HIGHLIGHTS
- 3 माह बाद बहाल होगी भारत-चीन वार्ता
- कल राजनयिक वार्ता होने की संभावना
- एक साल से ज्यादा वक्त से जारी है तनाव