लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर जारी तनाव के बीच पूर्वी लद्दाख सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीन के सैनिकों में गोलीबारी की घटना हुई है. सूत्रों का कहना है कि 1975 के बाद सीमा पर पहली बार भारत-चीन में फायरिंग हुई है. वहीं दूसरी ओर एक तरफ चीन बातचीत के जरिए LAC पर चल रहे तनाव का निपटारा करने की कोशिश करता है तो वहीं दूसरी ओर अतिक्रमण की कोशिश नाकाम होने पर बौखलाकर कर भारत पर ही आरोप मढ़ देता है.
दरअसल भारत में चीनी दूतावास का कहना है कि भारतीय सैनिकों ने 31 अगस्त को वास्तविक निंयत्रण रेखा का अतिक्रमण किया. दूतावास के प्रवक्ता दी रॉन्ग ने कहा कि 31 अगस्त को भारतीय सैन्य दलों ने चीन और भारत के बीच बातचीत के दौरान बनी सहमति का उल्लंघन करते हुए पेंगोंग त्सो लेक के दक्षिणी छोर और रेकिन पास के करीब एलएसी का अतिक्रमण किया.
रेकिन-दर्रा चीन-भारत सीमा का पश्चिमी इलाका है. चीन की तरफ से दिए जा रहे ऐसे बयानों से उसकी बौखलाहट साफ नजर आ रही है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि चीन भारत पर इतना बौखलाया हुआ है.
क्यों बौखलाया हुआ है चीन?
दरअसल भारतीय सेना के जवानों ने उन सभी जगहों पर कब्जा कर लिया है जो चीन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेना ने चूसूल सेक्टर में 29-30 अगस्त को पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे से लेकर रिचिन ला तक सभी ऊंचाई वाली जगहों पर कब्जा कर लिया है. इसी जगह पर 1962 में भारत औऱ चीन के बीच युद्ध हुआ था. दरअसल इस जगह को ग्रे जोन कहा जाता है जिस पर भारत और चीन, दोनों अपना दावा करते हैं. भारत ने अब इन ऊंचाई वाली जगहों पर कब्जा कर लिया है जवान अब चीन के बेहद अहम मोल्डो सैन्य बेस और स्पांगुर झील पर पूरी तरह से नजर रख सकेंगे. यही वजह है कि चीन इस वक्त बुरी तरह बौखलाया हुआ है,
Source : News Nation Bureau