भारत-चीन (India-China) की सेनाओं के वरिष्ठ कमांडर शनिवार को 10वें दौर की एक उच्च स्तरीय वार्ता करेंगे. इसमें दोनों पक्षों की तरफ से पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट से सैनिकों और सैन्य साज-ओ-सामान को पीछे हटाने का काम पूरा होने के बाद इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी. यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को दी. सूत्रों ने कहा कि कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के चीन की ओर मोल्दो सीमा बिंदु पर शुरू होगी. नौ महीने के गतिरोध के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहमति बनी कि दोनों पक्ष 'चरणबद्ध तरीके से, समन्वित और सत्यापन योग्य' तरीके से पैंगोंग झील (Pangong Tso) के उत्तरी और दक्षिणी तटों से सैनिकों को पीछे हटायेंगे. सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया 10 फरवरी को शुरू हुई. सूत्रों ने कहा कि आज की बातचीत में गोगरा, हॉट स्प्रिंग और डेपसांग इलाकों में डिसएंगेजमेंट के बारे में भी चर्चा की जाएगी.
पैंगोंग झील के किनारों पर डिसएंगेजमेंट पूरा
इसी बीच जानकारी मिली है कि पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर डिसएंगेजमेंट पूरा हो चुका है. भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक दोनों स्थानों से चीन और भारत के सैनिक अपनी पुराने लोकेशनों पर चले गए हैं. भारतीय सैनिक भी अपनी परंपरागत लोकेशनों पर लौट आए हैं. दोनों देशों के बीच कल होने वाली कोर कमांडर स्तर की बातचीत में अब बाकी इलाकों में डिसएंगेजमेंट किए जाने पर बातचीत की जाएगी.
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गलवान संघर्ष में चीन ने कबूली मरे सैनिकों की संख्या
इसी बीच चीन ने पहली बार गलवान संघर्ष में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या उजागर की है. चीन का कहना है कि इस संघर्ष में उसके केवल 5 सैन्यकर्मी मारे गए थे. चीनी सेना के मुखपत्र पीएलए डेली ने शुक्रवार को कबूल किया कि भारत के साथ झड़प में कराकोरम पर्वतों में तैनात उसके 5 सैन्यकर्मियों की शहादत हुई. उनकी शहादत को सेंट्रल मिलिट्री कमिशन ने मान्यता दी है. चीनी अखबार का दावा है कि घटना उस समय हुई, जब भारतीय सेना ने अवैध रूप से एलएसी पार करने की कोशिश की. इस घटना में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. सैन्य सूत्रों का कहना है कि इस घटना में चीन के 45 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, लेकिन शर्मिंदगी के भाव से बचने के लिए वह इस संख्या को घटाकर 5 बता रहा है. जिससे अपने देश की जनता को संतुष्ट किया जा सके.
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रक्षा मंत्री ने संसद में दिया था बयान
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को संसद में एक बयान में कहा था कि चीन अपनी सेना की टुकड़ियों को हटा कर पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे में फिंगर आठ इलाकों के पूरब की दिशा में ले जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत अपनी सैन्य टुकड़ियों को फिंगर तीन के पास अपने स्थायी ठिकाने धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा. उन्होंने कहा कि इसी तरह की कार्रवाई दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में भी दोनों पक्ष करेंगे. रक्षा मंत्री ने कहा था कि इसपर सहमति बनी है कि पैंगोंग झील क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के भीतर दोनों पक्षों के वरिष्ठ कमांडरों की अगली बैठक अन्य सभी मुद्दों को हल के लिए बुलायी जाएगी. रक्षा मंत्रालय ने बाद में कहा था कि डेपसांग, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा सहित अन्य लंबित मुद्दों पर दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच आगामी वार्ता में चर्चा की जाएगी.
HIGHLIGHTS
- ज गोगरा, हॉट स्प्रिंग और डेपसांग इलाकों पर होगी चर्चा
- LAC के चीन की ओर मोल्दो सीमा बिंदु पर शुरू होगी बातचीत
- पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर डिसएंगेजमेंट पूरा