अफगानिस्तान में तालिबान का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है. उसने अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार पर अपना कब्जा जमा लिया है. तालिबान लड़ाके काबुल की सीमा से लगी लोगार की प्रांतीय राजधानी फूल-ए-आलम में भी घुस गए हैं. आतंकी संगठन तालिबान के बढ़ते वर्चस्व से अफगानिस्तान में अफरा-तफरी का माहौल है. दुनिया के तमाम मुल्क इसे लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं. भारत भी अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर परेशान है. वहीं तालिबान ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर वो अफगानिस्तान में अपनी सेना भेजेंगे तो उनके लिए अच्छा नहीं होगा.
तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने एएनआई से बातचीत में कहा कि अगर वे (भारत) सैन्य रूप से अफगानिस्तान आते हैं और उनकी मौजूदगी होती है, तो मुझे लगता है कि यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा. उन्होंने अन्य देशों के अफगानिस्तान में सैन्य मौजूदगी का परिणाम देखा है. इसलिए यह उनके लिए एक खुली किताब है.
If they (India) come to Afghanistan militarily & have their presence, I think that will not be good for them. They've seen the fate of military presence in Afghanistan of other countries, so it is an open book for them: Taliban Spokesperson Muhammed Suhail Shaheen to ANI pic.twitter.com/zIw8vrxHED
— ANI (@ANI) August 14, 2021
अफगानिस्तान में भारत के कामों की सराहना करता हूं
तालिबान प्रवक्ता शाहीन ने आगे कहा कि भारत अफगानियों और राष्ट्रीय परियोजनाओं में मदद करते आ रहे हैं. अतीत में वो अफगानिस्तान की मदद की है. मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसकी सराहना होनी चाहिए.
गुरुद्वारा से झंडा हमने नहीं खुद सिखों ने हटाया
अफगानिस्तान में गुरुद्वारे से निशान साहिब के हटाने पर तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि उस झंडे को सिख समुदाय ने ही हटाया था. जब हमारे सुरक्षा अधिकारी वहां गए तो उन्होंने कहा कि झंडा देखा तो कोई उन्हें परेशान करेगा. हमारे लोगों ने उन्हें आश्वासन दिया और उन्होंने इसे फिर से फहराया.
भारत के प्रतिनिधिमंडल से मिलने की खबर की पुष्टि नहीं
भारत तालिबानी से बातचीत करना चाहते हैं इस खबर पर प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल के हमारे प्रतिनिधिमंडल से मिलने की खबरें थीं, लेकिन मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता. मेरी जानकारी के अनुसार, (अलग) बैठक नहीं हुई है, लेकिन कल दोहा में हमारी एक बैठक थी, जिसमें एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भी भाग लिया था.
अफगान की धरती का इस्तेमाल किसी को नहीं करने दिया जाएगा
सुहैल से यह पूछे जाने पर कि क्या तालिबान भारत को आश्वस्त कर सकता है कि उसके खिलाफ अफगान धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इस पर प्रवक्ता ने कहा कि हमारी एक सामान्य नीति है कि हम किसी को भी पड़ोसी देशों सहित किसी भी देश के खिलाफ अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
पाकिस्तान के आतंकी समूह से नहीं है कोई साठगांठ
पाकिस्तान आधारित आंतकी समूहों से साठगांठ को लेकर प्रवक्ता ने कहा कि ये निराधार आरोप हैं. वे जमीनी हकीकत पर आधारित नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक रूप से प्रेरित लक्ष्यों के आधार पर हमारे प्रति उनकी कुछ नीतियों के आधार पर हैं.
राजनयिकों को कोई खतरा नहीं
इसके साथ ही उसने भरोसा दिया कि हमारी तरफ से दूतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है. हम किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बनाएंगे. हमने अपने बयानों में कई बार ऐसा कहा है. यह हमारी प्रतिबद्धता है.
भारत के काम की सराहना करते हैं
प्रवक्ता ने आगे बातचीत में कहा कि हम भारत की सराहना करते हैं. भारत ने अफगानिस्तान के लोगों के लिए बहुत काम किया है. हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए हर काम की सराहना करते हैं जैसे बांध, राष्ट्रीय और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और कुछ भी जो अफगानिस्तान के विकास, पुनर्निर्माण और लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि के लिए है.
बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान में त्राहिमाम मचा कर रख दिया है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़, बीते एक महीने में एक हज़ार से ज़्यादा आम लोगों की मौत हुई है. तालिबान ने पिछले कुछ दिनों में मीडिया चीफ़ समेत कई राजनीतिक हत्याओं को भी अंजाम दिया है.
HIGHLIGHTS
- तालिबान ने भारत को चेताया, सेना भेजना नहीं होगा सही
- अफगानिस्तान में भारत के काम की करते हैं सराहना
- राजनयिकों को नहीं है कोई खतरा
Source : News Nation Bureau