भारत ने राष्ट्रीय पुनर्निर्माण प्राधिकरण (एनआरए), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और परियोजना सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के सहयोग से नेपाल के गोरखा और नुवाकोट जिलों में 50,000 घरों का सफलतापूर्वक पुनर्निर्माण किया है।
इस आयोजन को चिह्न्ति करने के लिए, काठमांडू में भारतीय दूतावास ने सोमवार को एक समारोह का आयोजन किया, जहां मिशन के उप प्रमुख नामग्या सी. खम्पा ने घोषणा की कि नई दिल्ली में केंद्र द्वारा प्रतिबद्ध 50,000 निजी घरों का पुनर्निर्माण किया गया है।
इस कार्यक्रम में नेपाल के राष्ट्रीय पुनर्निर्माण प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील ग्यावली, गोरखा और नुवाकोट जिलों के मेयर और काठमांडू स्थित विभिन्न डोनर एजेंसियों के कई प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
पुनर्निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए, नेपाल सरकार ने एनआरए की स्थापना की थी जिसका मुख्य उद्देश्य 25 अप्रैल और 12 मई, 2015 के बड़े भूकंपों और उनके झटकों के कारण हुए भौतिक नुकसान का तेजी से पुनर्निर्माण करना है।
मार्च 2018 में, यूएनडीपी और यूएनओपीएस ने चार शहरी नगर पालिकाओं और 14 ग्रामीण नगर पालिकाओं, दो जिलों में भूकंप प्रभावित लाभार्थियों को सामाजिक-तकनीकी सुविधा और परामर्श (एसटीएफसी) सेवाएं प्रदान करने के लिए भारत सरकार के साथ एक समझौता किया।
इसके लिए, भारत ने 50,000 लाभार्थियों के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए आवास क्षेत्र पर भूकंप के बाद सहायता पैकेज के रूप में 150 मिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।
इसके अलावा, भारत 2015 के भूकंप से प्रभावित नेपाल के कुल 11 जिलों में 71 शिक्षा क्षेत्र की परियोजनाओं, 132 स्वास्थ्य भवनों के निर्माण, और 28 सांस्कृतिक विरासत स्थलों की बहाली/र्रिटोफिटिंग के लिए भी एनआरए के साथ काम कर रहा है।
2015 में आए भूकंप में कुल मिलाकर 8,979 लोगों की जान चली गई और 22,309 लोग घायल हो गए।
सैकड़ों हजारों निजी घर, सरकारी भवन, स्कूल, स्वास्थ्य संस्थान और ऐतिहासिक और पुरातात्विक विरासत स्थल क्षतिग्रस्त हो गए।
राष्ट्रीय योजना आयोग द्वारा तैयार और प्रकाशित पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया था कि लगभग 7 अरब डॉलर के बराबर भौतिक संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई थी।
भूकंप के बाद, नेपाल सरकार ने एक डोनर सम्मेलन का आयोजन किया था, जहां भारत ने अनुदान और ऋण के रूप में पुनर्निर्माण बोली के लिए उच्चतम 1 अरब डॉलर का वादा किया था।
2015 में एनआरए द्वारा तैयार पोस्ट डिजास्टर रिकवरी फ्रेमवर्क के अनुसार, पुनर्निर्माण की कुल लागत 9.3 अरब डॉलर होने का अनुमान है।
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Source : IANS