भारत-चीन (India China) के बीच बढ़ते सीमा विवाद को देखते हुए इंडिया ने लद्दाख में एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम तैनात किए. एलएसी (LAC) पर चीनी विमानों की नापाक हरकत बढ़ रही है. चीन की हरकत पर भारत की मिसाइलें भलभर में एक्शन लेंगी. दो दिन से सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख में थे. सेना प्रमुख के लद्दाख दौरे के महज एक दिन बाद एलएसी पर चीनी लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारतीय सशस्त्र बलों ने वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम को सीमा पर तैनात किया है.
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सूत्रों का कहना है कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चल रहे बिल्डअप के हिस्से के रूप में भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना दोनों की वायु रक्षा प्रणालियों को चीन की वायु सेना के लड़ाकू जेट या पीपुल्स लिबरेशन आर्मी हेलीकॉप्टरों द्वारा किसी भी दुस्साहस को रोकने के लिए लद्दाख सेक्टर में इसे तैनात किया गया है. पिछले कुछ हफ्तों में चीनी बलों के सुखोई-30 जैसे विमान को भारतीय सीमा से महज 10 किमी दूर उड़ते देखा गया है. सूत्रों के मुताबिक, भारत बहुत जल्द अत्यधिक सक्षम वायु रक्षा प्रणाली प्राप्त करने वाला है, जिसे एलएसी पर तैनात किया जा सकता है. हालांकि, एलएसी पर विमानों की तैनाती का अर्थ पूरे क्षेत्र का ध्यान रखना है.
इन इलाकों में उड़ान भर रहे हैं चीनी हेलीकॉप्टर
सूत्रों के अनुसार, चीनी हेलीकॉप्टर सब सेक्टर नॉर्थ (दौलत बेग ओल्डी सेक्टर), गलवान घाटी के पास पेट्रोलिंग पॉइंट 14, पेट्रोलिंग पॉइंट 15, पेट्रोलिंग पॉइंट 17 और 17 ए (हॉट) सहित सभी विवादित क्षेत्रों में भारतीय एलएसी के काफी करीब से उड़ान भर रहे हैं. पैंगोंग सो और फिंगर क्षेत्र के साथ स्प्रिंग्स क्षेत्र. जहां अब वे फिंगर 3 क्षेत्र के करीब जा रहे हैं.
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चीन की इन गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए भारत ने एयर डिफेंस मिसाइल को सीमा पर तैनात कर दिए हैं. हवा में बहुत तेज चलने वाले लड़ाकू विमान, ड्रोन को उतारा जा सकता है. उच्च पहाड़ी क्षेत्र में यह मिसाइल पूरी तरह से काम कर सके, इसके लिए इसमें कई तरह के संशोधन किए गए हैं. साथ ही भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख में काफी सक्रिय हैं. सीमा क्षेत्र में चीन की ओर से किसी भी तरह की गतिविधि को सही समय पर रोका जा सके इसके लिए पूरी निगरानी की जा रही है.