पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में बीते दिनों भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव पूरे चरम पर है. दगाबाज चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. बातचीत के दौर में ड्रैगन पीछे हटने की हामी जरूर भर लेता है, मगर वह नाकामयाब मंसूबों को लिए अपनी सेना को बड़ी संख्या में सीमा पर तैनात कर रहा है. भारत और चीन के बीच सीमा पर युद्ध जैसे हालात बन गए हैं. इस बीच भारत ने भी चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की पूरी तैयारी कर ली है. पूर्वी लद्दाख में भारत ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली को तैनात कर दिया है. इतना ही नहीं, भारत ने एलएसी पर सैनिकों की तादाद भी बढ़ा दी है, जो पलभर में चीनी सैनिकों को धूल चटा देंगे.
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एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर लगातार चीनी लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर की बढ़ती गतिविधियां देखने को मिल रही हैं. ऐसे में टकराव की नौबत आने की स्थिति को देख भारत ने भी चीन को मुकम्मल जवाब देने की ठान ली है. भारत ने लद्दाख में एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को तैनात चीन को साफ संकेत दे दिया है कि अगर उसने कोई गुस्ताखी की तो उसका अंजाम भी उसे भुगतना होगा. चीन अगर कोई हरकत करता है तो भारत की मिसाइलें भलभर में उसके इरादों को ध्वस्त कर देंगी. इस प्रणाली में ऐसी भारतीय मिसाइलें हैं जो किसी भी गुस्ताखी पर चीनी विमानों को पलक झपकते ध्वस्त करने में सक्षम हैं.
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सूत्र बताते हैं कि पूर्वी लद्दाख में चल रहे बिल्डअप के हिस्से के रूप में भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना दोनों की वायु रक्षा प्रणालियों को चीनी वायुसेना के लड़ाकू जेट या पीपुल्स लिबरेशन आर्मी हेलीकॉप्टरों द्वारा किसी भी दुस्साहस को रोकने के लिए लद्दाख सेक्टर में इसे तैनात किया गया है. बीते हफ्तों में चीन के सुखोई-30 जैसे विमान को भारतीय सीमा से महज 10 किमी दूर उड़ते देखा गया. इसके अलावा भी एलएसी के सभी टकराव वाले बिंदुओं पर चीन के हेलीकॉप्टर मंडराते रहते हैं. चीन लिहाजा इससे भारत पूरी तरह से चौकन्ना है.
चीन की हर हरकत पर नजर है. इनकी काट के तौर पर भारत ने एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती की है. जिसमें शामिल आकाश मिसाइल कुछ ही सेकेंड में चीनी विमानों को तबाह कर सकती है. ऊंचाई वाले स्थान पर तैनाती के लिए इस सिस्टम में कई और भी बदलाव किए गए हैं.
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सूत्रों का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए पूर्वी लद्दाख में भारत ने एलएसी पर सैनिकों की तादाद बढ़ा दी है. सेना ने तीन और डिवीजन वहां भेजा है. साथ ही उंचाई पर लड़ने में सक्षम एक विशेष डिवीजन प्रशिक्षण के बाद 18 हजार की फीट पर तैनात की गई है. अग्रिम मोर्चे पर रिजर्व फोर्स को तैनात किया गया है. इस बार चीन को जवाब देने में भारत कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है.
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