भारत इस वक्त दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ने को तैयार है. एक तरफ चीन तो दूसरी तरफ पाकिस्तान को उसकी भाषा में जवाब दिया जा रहा है. पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनातनी के बीच भारत ने अपने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को पाकिस्तान की सीमा के नजदीक तैनात कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान बॉर्डर के करीब पश्चिमी फ्रंट पर किसी भी एक्शन की आशंका के तहत तेजस को तैनाती किया है. हल्के लड़ाकू विमान तेजस की तैनाती से दुश्मन दहशत में जरूर आ गया होगा, क्योंकि तेजस की फुर्ती और तकनीक के सामने पाकिस्तान के लड़ाकू विमान फेल हैं.
यह भी पढ़ें: माली में तख्तापलट की कोशिश, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को किया गिरफ्तार
भारत में ही बनाए गए लड़ाकू विमान तेजस की पाकिस्तान बॉर्डर के पास तैनाती ऐसे वक्त में की गई है, जब बीते दिनों 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी विमान की प्रशंसा की थी. तेजस का यह मॉडल अब दुनिया में इस वर्ग में सबसे अच्छा है. मई के महीने में ही विमान को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है.
तेजस चौथी पीढ़ी का एक स्वदेशी टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है. यह वायुसेना की 45वीं स्क्वॉड्रन का हिस्सा है. 45वीं स्क्वाड्रन के बाद 18वीं स्कवाड्रन दूसरी टुकड़ी है, जिसके पास स्वदेश निर्मित तेजस विमान है. यह फ्लाई-बाय-वायर विमान नियंत्रण प्रणाली, इंटीग्रेटेड डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टीमॉड रडार से लैस है और इसकी संरचना कंपोजिट मैटेरियल से बनी है. यह चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमान के समूह में 'सबसे हल्का और छोटा' विमान भी है.
यह भी पढ़ें: भारत के साथ संबंधों को US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कही ये बड़ी बात
एचएएल अगले 36 महीनों में 16 तेजस एफओसी की आपूर्ति वायुसेना को करेगा. वायुसेना ने 20 आईओसी मानक विमान और 20 एफओसी मानक विमान का ऑर्डर दिया था. तेजस को वैमानिकी विकास एजेंसी और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित किया गया है. जेट का जीवनकाल किसी भी अन्य फ्रंट-लाइन लड़ाकू विमान की तरह न्यूनतम 30 वर्ष होगा.