बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरसीईपी (RCEP) में भारत के शामिल नहीं होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के निर्णायक नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए सोमवार को कहा कि देश ने अपने आर्थिक हितों को त्याग दिया लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों की तरह अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे नहीं झुका, जिन्होंने कमजोर व्यापार समझौतों के जरिये भारतीय बाजार को खोल दिया था.
मोदी ने सोमवार को बैंकॉक में आरसीईपी सम्मेलन में कई देशों के नेताओं की मौजूदगी में कहा कि भारत क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में शामिल नहीं होगा क्योंकि वार्ता नयी दिल्ली के लंबित मुद्दों और चिंताओं को संतोषजनक ढंग से निपटाने में विफल रही.
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नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए भारत के हितों की रक्षा के लिये प्रधानमंत्री को बधाई दी. उन्होंने कहा, 'उनके नेतृत्व में भारत की विदेश नीति में 'पहले भारत' की झलक दिखाई देती है.'
मोदी को एक सख्त वार्ताकार और निर्णायक नेता करार देते हुए नड्डा ने कहा,'भारत ने अपने आर्थिक हितों को त्याग दिया लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकारों की तरह अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे नहीं झुका, जिसने कमजोर व्यापार समझौतों के जरिये भारतीय बाजार को खोल दिया था.'
उन्होंने कहा कि मोदी ने फिर से गरीबों के हितों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है और भारत के हितों के आधार पर आरसीईपी में शामिल नहीं होने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है.
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आरसीईपी में 10 आसियान देशों के अलावा छह मुक्त व्यापार साझेदार चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। भारत ने आरसीईपी से बाहर निकलने का फैसला लिया है.
मूल आरसीईपी का लक्ष्य 3.6 अरब लोगों की आबादी वाले इन 16 देशों के बीच दुनिया का सबसे बड़ा मुक्त-व्यापार क्षेत्र बनाना है.