चीन की शी जिनपिंग (Xi jinping) सरकार को पूर्वी लद्दाख में गलवान हिंसा (Galwan Clash) का राजनीतिकरण करना कूटनीतिक स्तर पर महंगा पड़ गया है. भारत (India) ने गलवान हिंसा में शामिल पीएलए के कमांडर को बीजिंग विंटर ओलिंपिक का मशाल वाहक बनाए जाने को 'अफसोसजनक' करार दे ओलिंपिक खेलों का कूटनीतिक बॉयकॉट कर दिया है, तो दुनिया के तमाम अन्य देशों ने भी मानवाधिकार (Human Rights) समेत अन्य मसलों पर समारोह में अपने राजनयिकों या अधिकारियों की सहभागिता से इंकार कर दिया है. जाहिर है मोदी सरकार के इस कदम से भारत-चीन (China) के तल्ख रिश्तों में दरार और चौड़ी ही होगी.
भारत ने अफसोसजनक बताया
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि चीन ने ओलिंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करना चुना है. ऐसे में बीजिंग में भारतीय दूतावास के प्रभारी शीतकालीन एक्विनो विमल ओलिंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे. अरिंदम बागची ने सैन्य कमांडर को इस तरह से सम्मानित करने के चीन के कदम को 'अफसोसजनक' करार दिया. जानकारी के मुताबिक भारतीय दूतावास के प्रभारी एक्विनो विमल वहां के वरिष्ठतम राजनयिक हैं क्योंकि अगले राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने अभी पदभार ग्रहण नहीं किया है.
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अमेरिका समेत इन देशों ने किया बॉयकॉट
सिर्फ भारत ही नहीं अमेरिका समेत तमाम अन्य पश्चिमी देशों ने भी बीजिंग विंटर ओलिंपिक का कूटनीतिक बहिष्कार किया है. ये देश हैं ब्रिटेन, कनाडा, जापान, न्यूजीलैंड, लिथुआनिया, लातविया, एस्टोनिया, बेल्जियम, नीदरलैंड्ल, डेनमार्क और चेक गणराज्य. इन सभी देशों ने शिनजियांग और तिब्बत में मानवाधिकारों के हनन को मुद्दा बना कूटनीतिक बॉयकॉट किया है. ऑस्ट्रेलिया और स्वीडन कोरोना प्रोटोकॉल के चलते समारोह में शिरकत नहीं करेंगे. हालांकि भारत की ओर से एकमात्र एथलीट आरिफ खान स्कींग प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं. बीजिंग विंटर ओलिंपिक का उद्घाटन समारोह आज होना है. विदेश मंत्रालय की घोषणा के बाद प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शशि शेखर वेम्पति ने कहा कि दूरदर्शन का खेल चैनल ओलिंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह का प्रसारण नहीं करेगा.
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पहले भारत ने विंटर ओलिंपिक की चीनी मेजबानी का किया था समर्थन
यहां यह नहीं भूलना चाहिए कि दो महीने पहले भारत ने रूस-भारत-चीन त्रिस्तरीय ढांचे के तहत विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन द्वारा बीजिंग ओलिंपिक की मेजबानी का समर्थन किया था. उस वक्त भी अमेरिका समेत दर्जन भर देशों ने इनके बॉयकॉट की बात कही थी. गौरतलब है कि 15 जून 2020 को गलवान घाटी में संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद बढ़ गया था. इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे. पिछले वर्ष फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया कि उसके पांच सैन्य अधिकारी और जवान शहीद हुए थे. हालांकि ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार ने बुधवार को दावा किया है कि गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़प में चीन को उससे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ था, जितना कि उसने दावा किया था.
HIGHLIGHTS
- गलवान हिंसा के राजनीतिकरण करने को बताया अफसोसजनक
- चीन को लताड़ शीतकालीन ओलिंपिक का कूटनीतिक बॉयकॉट
- अमेरिका समेत अन्य कई देशों ने भी किया खेलों का बहिष्कार