पिछले कुछ दिनों से लद्दाख में सड़क निर्माण को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद चल रहा है. हालात ये हैं कि दोनों देशों की सेनाएं अब आमने सामने आ गई हैं. दोनों ही देश इस मसले को वार्ता के जरिए सुलझाने की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है. भारत ने भी इस बार पीछे न हटने की इरादा पक्का कर लिया और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए नियंत्रण रेखा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है. इसी बीच अब खबर आ रही है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) यानी LAC के पास भारत ने हवाई पट्टी का भी निर्माण तेज़ किया है.
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चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल LAC(Line of Actual Control) के पास लगातार निर्माण कर रहा है और तेजी से हथियारों की स्पलाई भी तेज करने में जुटा हुआ है. भारतीय सेना ऐसे में चीन के किसी भी हमले का जवाब देने के लिए 60 बोफोर्स आर्टिलरी गन को लद्दाख के पास भेजा जा रहा है.
भारतीय सेना की ओर से पहले ही कह दिया गया है कि वह हर मसले का हल बातचीत से निकालने को तैयार है. इसके बावजूद दूसरी ओर से कोई गतिविधि होती है तो वह उससे निपटने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है.
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भारत पीछे हटने को तैयार नहीं
वायुसेना की ओर से दक्षिण कश्मीर में बिज्बेहरा इलाके के पास NH-44 पर हवाई पट्टी बनाने का काम एक बार फिर तेज कर दिया गया है. इस हवाई पट्टी की लंबाई तीन किलोमीटर के करीब है. बताया जा रहा है कि चीन के साथ चल रहे विवाद के बीच ही इस पट्टी का निर्माण शुरू हुआ है. बता दें कि इस बार भारत किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं है. यही कारण है कि चीन से जारी विवाद के बीच एक बार फिर हवाई पट्टी के निर्माण का काम तेज कर दिया गया है.
दो किलोमीटर तक पीछे हटी चीनी सेना
न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक, गलवान घाटी में चीनी सेना 2 किमी और भारतीय सेना अपनी जगह से 1 किमी पीछे हटी है. बता दें पीएलए (PLA) के सैनिक एलएसी के पास अलग-अलग जगहों पर एकत्रित हैं. ANI के मुताबिक, एक जगह पर पीएलए के सैनिक अपनी हाल की पोजिशन से करीब 100 यार्ड्स तक पीछे चले गए हैं. उन्होंने हाल ही में कोई बड़ी गतिविधि नहीं की है और न ही चीन के सैनिकों ने अपना उग्र व्यवहार दिखाया है. पूर्वी लद्दाख के पास चीनी वायुसेना के विमानों की उड़ान को लेकर भी भारत और चीन बातचीत कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau