भारत और जर्मनी ने अंतरिक्ष सुरक्षा, नागरिक उड्डयन, चिकित्सा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में कुल 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने पाचंवें अंतर सरकारी परामर्श में भाग लेते हुए यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की. भारत व जर्मनी के बीच हुए समझौतों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हरित शहरी गतिशीलता (ग्रीन अर्बन मोबिलिटी) और कृषि क्षेत्र भी शामिल हैं.
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दोनों देशों ने संयुक्त रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने का संकल्प लिया है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करना द्विपक्षीय बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा. इसके साथ ही आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोनों देश आपसी सहयोग पर सहमत हुए.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और जर्मनी ने आतंकवाद और चरमपंथ के खतरों से निपटने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को तेज करने का संकल्प लिया है. दोनों पक्ष नई और उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ ही कौशल, शिक्षा, साइबर सुरक्षा में सहयोग पर जोर दिया है.
दोनों देशों ने ई-गतिशीलता (ई-मोबिलिटी), ईंधन सेल प्रौद्योगिकी, स्मार्ट शहरों, अंतर्देशीय जल तरीकों, तटीय प्रबंधन, नदियों की सफाई और जलवायु परिवर्तन जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग पर भी सहमति व्यक्त की. मोदी ने कहा, "हम जर्मनी को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के रक्षा गलियारों में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करते हैं."
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उन्होंने कहा कि साल 2022 तक न्यू इंडिया के निर्माण की राह में जर्मनी जैसे तकनीकी और आर्थिक तौर पर मजबूत देश उपयोगी साबित हो सकते हैं. मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष व्यापार और निवेश लिंक को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए हैं और इसके लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों में तेजी लाने के लिए सहयोग जारी रखेंगे.
इस दौरान मर्केल ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच सहमति पत्र ने दिखाया है कि हमारे सहयोग का दायरा कितना व्यापक है. जर्मन चांसलर ने कहा, "भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन व डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में बहुत बड़ी संभावना है। 5-जी और एआई के क्षेत्र में एक चुनौती होगी. अगर हम एक साथ काम कर सकते हैं तो यह सहयोग का एक शानदार तरीका होगा."
उन्होंने कहा, "व्यापार, नवाचार, निवेश और ज्ञान के साथ हमारे आर्थिक संबंधों में वृद्धि हुई है, लेकिन इसे और अधिक तेज किया जा सकता है." उन्होंने यह भी कहा कि 20,000 भारतीय छात्र जर्मनी में पढ़ रहे हैं और अब वह पेशेवर प्रशिक्षण के लिए भारतीय शिक्षकों को आमंत्रित करना चाहते हैं. मर्केल ने कहा कि यह भी सहयोग का एक बड़ा हिस्सा है.