अंततः भारत को फ्रांस का अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल मिल ही गया. भारतीय वायु सेना के सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को फ्रांस में दसॉ एविएशन कंपनी ने पहला राफेल सुपुर्द किया. भारत ने अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए फ्रांस से समझौता किया था. पहले राफेल में उप वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी ने लगभग घंटे भर उड़ान भरी. गौरतलब है कि नए वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया राफेल के लिए खासतौर पर प्रशिक्षण लेने फ्रांस जा चुके हैं. ऐसे में उन्हीं के नाम पर इस राफेल विमान का 'टेल नंबर' आरबी 01 रखा गया है.
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दशहरे पर मिलेगा मारक हथियार
गौरतलब है कि राफेल विमानों की पहली खेप लेने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद फ्रांस जाएंगे. राजनाथ सिंह वायुसेना की एक टीम के साथ 8 अक्टूबर को फ्रांस जाएंगे. बता दें कि इसी दिन वायुसेना दिवस भी है, तो वहीं इस बार 8 अक्टूबर को विजयादशमी भी पड़ रही है. ऐसे में भारत को मिलने वाले राफेल विमान की तारीख ऐतिहासिक होने जा रही है. बता दें कि विजयादशमी के दिन कई जगह शस्त्रों की पूजा की जाती है. ऐसे में भारत को इसी दिन उसका सबसे बड़ा हथियार मिलने वाला है.
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'गोल्डन ऐरोज' में होंगे शामिल
वायुसेना अपनी 'गोल्डन ऐरोज' 17 स्क्वाड्रन को फिर शुरू कर सकती है जो बहुप्रतिक्षित राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली इकाई होगी. इसके लिए 24 भारतीय लड़ाकू विमान के पायलटों को फ्रांस में अब तक प्रशिक्षण दिया जा चुका है. हालांकि भारतीय मानकों के अनुरूप राफेल के पहली खेप मई 2020 तक ही मिल सकेगी. गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल में हाशिमअरा में राफेल का एक-एक स्क्वॉड्रन तैनात करेगी.
HIGHLIGHTS
- नए वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के नाम पर राफेल विमान का 'टेल नंबर' आरबी 01 रखा गया.
- हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल में हाशिमअरा में राफेल का एक-एक स्क्वॉड्रन तैनात करेगी.
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वायुसेना की एक टीम के साथ 8 अक्टूबर को फ्रांस जाएंगे.