प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जापान के साथ विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने की ओर इशारा किया. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में जापान प्लस तंत्र के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने अपने जापानी समकक्ष योशीहिदे सुगाथत के साथ अपनी सामान्य समझ के बारे में विस्तार से बताया कि कोविड महामारी की इस अवधि में जब भारत-जापान दोस्ती वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए और भी महत्वपूर्ण हो गई है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अहमदाबाद के एएमए में जेन गार्डन और काइजन अकादमी का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, मौजूदा चुनौतियों की मांग है कि हमारी दोस्ती व साझेदारी और भी गहरी हो.
मोदी ने भारत में काइजन और जापानी कार्य संस्कृति के और प्रसार का भी आह्वान किया और भारत व जापान के बीच व्यापारिक बातचीत पर अधिक ध्यान देने के लिए कहा. प्रधानमंत्री ने जेन गार्डन और काइजन अकादमी के समर्पण को भारत-जापान संबंधों की सहजता और आधुनिकता के प्रतीक के रूप में बताते हुए, जापान के ह्योगो प्रांत के नेताओं, विशेष रूप से गवर्नर तोशिजो इदो और ह्योगो इंटरनेशनल एसोसिएशन को जेन गार्डन और काइजेन अकादमी की स्थापना में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया.
जापान के वर्तमान प्रधानमंत्री श्रीमान योशिहिदे सुगा भी बहुत सुलझे हुए व्यक्ति हैं।
योशिहिदे जी और मेरा ये विश्वास है कि Covid pandemic के इस दौर में, भारत और जापान की दोस्ती, हमारी पार्टनरशिप, global stability और prosperity के लिए और ज्यादा प्रासंगिक हो गई है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 27, 2021
उन्होंने भारत-जापान संबंधों को नई ऊर्जा देने के लिए भारत-जापान मैत्री संघ, गुजरात की भी प्रशंसा की. 'जेन' और भारतीय 'ध्यान' के बीच समानता की ओर इशारा करते हुए, प्रधानमंत्री ने दो संस्कृतियों में बाहरी प्रगति और विकास के साथ-साथ आंतरिक शांति पर जोर दिया. भारतीयों को इस जेन उद्यान में वही शांति, शिष्टता और सादगी की झलक मिलेगी, जो उन्होंने युगों-युगों तक योग में अनुभव की थी. प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध ने दुनिया को 'ध्यान' का ज्ञान दिया. उन्होंने काइजन के बाहरी और आंतरिक दोनों अर्थो पर प्रकाश डाला, जो न केवल 'सुधार' बल्कि 'निरंतर सुधार' पर जोर देता है.
प्रधानमंत्री ने याद किया कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने गुजरात प्रशासन में काइजन को लागू किया था. उन्होंने कहा, 2004 में गुजरात में प्रशासनिक प्रशिक्षण में पेश किया गया था और 2005 में शीर्ष सिविल सेवकों के लिए एक विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था. प्रक्रियाओं के परिशोधन में निरंतर सुधार परिलक्षित हुआ, जिससे शासन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा. मोदी न कहा कि राष्ट्रीय प्रगति में शासन के महत्व को जारी रखते हुए, प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने गुजरात के काइजन से संबंधित अनुभव को पीएमओ और केंद्र सरकार के अन्य विभागों में लाया.
उन्होंने कहा कि इससे प्रक्रियाओं का सरलीकरण हुआ है और कार्यालय स्थान का अनुकूलन हुआ है. प्रधानमंत्री ने कहा, कई जेन का इस्तेमाल केंद्र सरकार के कई विभागों, संस्थानों और योजनाओं में किया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने जापान की स्कूल प्रणाली के आधार पर गुजरात में स्कूलों का एक मॉडल बनाने की इच्छा भी व्यक्त की. उन्होंने जापान की स्कूल प्रणाली में आधुनिकता और नैतिक मूल्यों के मिश्रण की सराहना को रेखांकित किया और टोक्यो में ताइमेई प्राथमिक स्कूल की अपनी यात्रा को याद किया.
Source : News Nation Bureau