पाकिस्तान की ओर से गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर दिए गए आदेश पर भारत ने नई दिल्ली में पाक के उप-उच्चायुक्त को तलब कर आपत्ति ज़ाहिर की है।
भारत ने पाक अधिकारी सैयद हैदर शाह को सख्त लहजे में कहा कि पाकिस्तान की ओर से कब्जाए गए भारत के किसी भी हिस्से के स्टेटस को बदलने का कोई कानूनी आधार नहीं है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि शाह को बताया गया है कि 1947 के विलय प्रस्ताव के मुताबिक गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पूरा जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है।
बता दें कि इस्लामाबाद की ओर से कथित गिलगित-बाल्टिस्तान ऑर्डर को लेकर भारत ने यह कड़ा संदेश पाकिस्तान को दिया है।
दरअसल 21 मई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने गिलगित-बाल्टिस्तान पर आदेश जारी कर स्थानीय प्रशासन से अधिकारों को वापस लेते हुए पाक सरकार के हाथों में अधिक ताकत सौंपने की बात कही थी।
पाकिस्तान की ओर से जारी इस आदेश का कई मानवाधिकार संगठन भी विरोध कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘राज्य के किसी भी हिस्से को, जिसे पाक की ओर से जबरन कब्जाया गया है, के स्टेटस को बदलने का प्रयास करना का कोई वैधानिक आधार नहीं है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।’
मंत्रालय ने कहा, ‘पाकिस्तान को खुद के कब्जाए इलाकों का स्टेटस बदलने की बजाय ऐसे क्षेत्रों से अपना अवैध कब्जा खत्म करना चाहिए। उसे ऐसे अपने अवैध कब्जे में लिए गए इलाकों को खाली कर देना चाहिए।’
मंत्रालय ने कहा कि हमने पाकिस्तान के डिप्टी उच्चायुक्त को यह भी बता दिया गया है कि ऐसा कोई भी कदम पाक की ओर से अवैध रूप से कब्जाए गए जम्मू-कश्मीर के किसी भी हिस्से में उसकी ज्यादतियों को नहीं छिपा सकेगा। उसने इन इलाकों में मानवाधिकारों का हनन, उत्पीड़न और लोगों की आजादी को खारिज किया है। इस तरह के कदम उठाकर वह इस हकीकत को छिपा नहीं सकता है।
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Source : News Nation Bureau