पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने चिंता जाहिर की. उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. साथ ही कई दलों के नेताओं ने चूक को लेकर जिम्मेदारी तय करने के वास्ते जांच की मांग उठाई. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर उठे विवाद को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए कहा कि भारत के शीर्ष पद पर आसीन व्यक्ति की सुरक्षा से कोई भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए. जनता दल (सेक्युलर) के वरिष्ठ नेता ने एक ट्वीट में कहा, ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. भारत के शीर्ष पद पर आसीन व्यक्ति की सुरक्षा के साथ कभी भी कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए. हमें अतीत से सीखने की जरूरत है.’ इस बीच सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर आज सुनवाई करेगा.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के विशिष्ट प्रोटोकॉल हैं, जिनका अक्षरशः पालन करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए. बिरला ने अपने ट्वीट में कहा, ‘लोकसभा में सदन के नेता प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा के विशिष्ट प्रोटोकॉल हैं, जिनका अक्षरशः पालन करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उनकी यात्राओं के दौरान सभी स्तरों पर मानकों के अनुरूप व्यापक व्यवस्था की जानी चाहिये.’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, उन नेताओं में शुमार रहे जिन्होंने सुरक्षा चूक मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की.
ठाकरे के हवाले से शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'प्रधानमंत्री पूरे देश का होता है. उनकी सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए. पंजाब दौरे के दौरान मोदी की सुरक्षा में चूक एक गंभीर बात है. इस तरह की चूक से देश पहले ही दो प्रधानमंत्रियों को खो चुका है. इस घटना की गहन जांच होनी चाहिए.' बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक पर जारी राजनीतिक खींचतान को अनुचित करार देते हुए घटना की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच की मांग की. वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के लिए जिम्मेदारी तय करने के वास्ते न्यायिक जांच करानी चाहिए. पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि यह जानना बेहद जरूरी है कि इसमें केंद्रीय एजेंसियों की गलती थी या पंजाब सरकार की.
HIGHLIGHTS
- शिवसेना, बसपा, राक्रांपा ने रखी निष्पक्ष जांच की मांग
- सभी ने कहा पीएम देश के हैं, ऐसी चूक बर्दाश्त नहीं