India-Maldives Row: मुसीबत में फंसे देशों की भारत हमेशा मदद करता रहा है. फिर भले ही उस देश ने भारत के खिलाफ जहर ही क्यों न बोया हो. ऐसा ही पिछले साल के आखिर में मालदीव ने किया. जब मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ बयानबाजी कर दी और भारत से अपनी सेना को वापस लेने को कह दिया. उसके बाद से दोनों देशों के बीच के संबंधों में खटास पैदा हो गई. तब भारत ने मालदीव को निर्यात करने वाली कई खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध लगा दिया.
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यही नहीं भारत के बहिष्कार के बाद मालदीव में पर्यटकों की संख्या में खासी कमी और मालदीव को आर्थिक परेशानी होने लगी. इसके बाद मार्च में मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने एक बार फिर से भारत से मदद मांगी. अब भारत सरकार एक बार फिर से मालदीव की मदद करने जा रही है. जिसके तहत मालदीव को कई खाद्य पदार्थों पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया है.
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दरअसल, शुक्रवार को भारत ने मालदीव के लिए अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं, आटा, चीनी, और दाल जैसी कुछ वस्तुओं के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया. इस बारे में डीजीएफटी ने कहा कि मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा, चीनी, दाल, बजरी और नदी की रेत के निर्यात की अनुमति दी गई है. भारत की ओर से मालदीव को इन वस्तुओं के निर्यात को किसी भी मौजूदा या भावी प्रतिबंधों से छूट दी जाएगी.
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विदेश व्यापार महानिदेशालय की अधिसूचना में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत मालदीव के लिए इन वस्तुओं के निर्यात को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही भारत ने मालदीव के लिए अंडे, आलू, प्याज, चीनी, चावल, गेहूं का आटा और दाल के कोटे में भी पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. जबकि नदी के रेत और बजरी कोटा 25 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख मीट्रिक टन कर दिया है.