भारतीय सेना को और सशक्त और मजबूत बनाने के लिए डीआरडीओ ने इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 को सुपुर्द करने की घोषणा की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डीआरडीओ) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि जल्द ही ‘अग्नि-5’ के पहले बैच को भारतीय सेना को सौंप दिया जाएगा।
सेना के बेड़े में ‘अग्नि-5’ मिसाइल के शामिल होने से भारतीय सेना की ताकत और बढ़ जाएगी।
बता दें कि इसकी मारक 5,000 किलोमीटर होगी जिसकी जद में पूरा चीन आ जाएगा। ऐसे में यह मिसाइल प्रणाली परमाणु हथियार समेत चीन के किसी भी इलाके को टारगेट कर सकेगी।
गौरतलब है कि इस मिसाइल प्रणाली को स्ट्रैटिजिक फोर्सेज कमांड (SFC) को सौंपने की तैयारी है।
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डीआरडीओ ने बताया कि देश के सबसे अत्याधुनिक हथियार को SFC को सौंपे जाने से पहले कई टेस्ट किए जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस परियोजना के बारे में इससे ज्यादा जानकारी देने से इंकार कर दिया।
इससे पहले पिछले महीने भी अग्नि-5 का ओडिशा तट से सफल परीक्षण किया गया था।
इस समय अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और नॉर्थ कोरिया के पास ही अंतरमहाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइल है। हालांकि भारतीय सेना के बेड़े में अग्नि-2 (रेंज-700 किमी), अग्नि-2 (रेंज 2000 किमी), अग्नि-3 और अग्नि-4 (जिसकी रेंज 2500 किमी से लेकर 3500 किमी तक) है।
आपको बता दें कि अग्नि-5 का पहला टेस्ट 19 अप्रैल 2012 को किया गया था। दूसरा टेस्ट 15 सितंबर 2013, तीसरा 31 जनवरी 2015 और चौथा परीक्षण 26 दिसंबर 2016 को किया गया था। पांचवां टेस्ट 18 जनवरी को किया गया और सभी सफल रहे।
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Source : News Nation Bureau