चीन (China) को एक सीधा संदेश देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath SIngh) ने गुरुवार को कहा कि भारत सीमा पर कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है और हर हाल में अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करेगा. राजनाथ सिंह ने दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज के 60 साल पूरे होने पर एक वेबिनार में बोलते हुए कहा कि भारत एक शांति प्रिय देश है और युद्ध को रोकने की क्षमता के जरिए ही शांति सुनिश्चित की जा सकती है.
मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए
वेबिनार का विषय 'इंडियाज नेशनल सेक्युरिटी - द डेकेड अहेड' था और इसकी शुरूआत राजनाथ सिंह के मुख्य भाषण से हुई. रक्षा मंत्री ने कहा, हमारा मानना है कि मतभेद विवाद में नहीं बदलना चाहिए. हम बातचीत के जरिए मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान को महत्व देते हैं. भारत एकतरफावाद और आक्रामक रवैए की स्थिति में अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ है, चाहे हमें कोई भी बलिदान देना पड़े. भारत और चीन पिछले सात महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद में उलझा हुआ है. दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया है.
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अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी मजबूत
दोस्ताना देशों के साथ भारत के संबंधों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, हमने पश्चिम में सऊदी अरब, यूएई और ओमान के साथ और पूर्व में इंडोनेशिया, वियतनाम और दक्षिण कोरिया के साथ अपने संबंधों का दायरा बढ़ाया है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशिया के देशों तक पहुंचने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष रुचि थी. सिंह ने कहा, अमेरिका के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी पहले से ज्यादा मजबूत हुई है.
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रूस पारंपरिक मित्र
भारत के सहयोगी रूस के बारे में बात करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, भारत के रूस के साथ मजबूत, पारंपरिक और गहरे संबंध हैं. दोनों देशों ने अतीत में कई चुनौतियों का सामना करते हुए एक दूसरे की चिंताओं और हितों को समझा है. उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की गलत नीतियों को उजागर करने में पर्याप्त सफलता हासिल की है. राजनाथ सिंह ने कहा, पाकिस्तान को छोड़ कर, भारत ने सभी पड़ोसी देशों के साथ अपने संबंध सुधारे हैं. हमने अपने दोस्तों की मदद के लिए और आपसी सहयोग और परस्पर हित के संबंध में भी काफी काम किया है.
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पड़ोसी देशों के अधिकारियों के लिए पहल
अब पड़ोसी देशों के ज्यादा से ज्यादा अधिकारी भारत के प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) में प्रशिक्षण ले पाएंगे, क्योंकि भारत चीन के प्रभाव को कम करने के लिए दूसरे देशों से संबंध बढ़ा रहा है. पांच नए मित्र देश - ताजिकिस्तान, इंडोनेशिया, मालदीव, उज्बेकिस्तान और फिलीपींस - अब अपने अधिकारियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित क्षेत्रों में वार्षिक प्रशिक्षण के लिए भारत भेज सकते हैं.