बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर भारत के मौजूदा कानून में सुधार की जरूरत है। बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा पर भारत के मौजूदा कानूनों और उनकी कमियों को लेकर यूनिसेफ ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये प्रस्ताव भी दिये गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में मोबाइल और इंटरनेट के उपयोग ने 40 करोड़ लोगों को ऑनलाइन कर दिया है। रिपोर्ट कहती है कि इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया से मिले आंकड़े के मुताबिक, देश में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों में स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या में सात फीसद है।
इंटरनेट के तेज प्रसार के कारण पर बच्चों के खिलाफ हो रहे ऑफलाइन अपराध और हिंसा ऑनलाइन की दुनिया में नया मंच मिल रहा है।
भारत इंटरनेट कम्युनिकेशन टेक्नॉलॉजी में आगे है और इस क्षेत्र में विकास भी तेजी से हो रहा है। इसलिये ज़रूरत है कि इसको किस तरह से नियंत्रित किया जाए ताकि बच्चों की शिक्षा और सशक्तिकरण में इसका इस्तेमाल किया जा सके। साथ ही उनके खिलाफ हो रहे अपराधों पर भी काबू पाया जा सकेगा।
भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि लुइ जॉर्जेस अर्सेनो ने कहा “हमें और अधिक नियमन की जरूरत है तथा हमें यह भी जरूरत है कि सभी अभिभावक और शिक्षक इसमें योगदान करें। साथ ही निजी क्षेत्र को भी सुरक्षा के कुछ उपायों का अविष्कार करे।
जॉर्जेस ने ये भी कहा कि इंटरनेट पर सेक्सअल अब्यूज़, पॉर्नोग्राफी, साइबर स्टॉकिंग जैसे अपराध बच्चों के खिलाफ होते हैं।
Source : News Nation Bureau