प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लुंबिनी यात्रा के दौरान भारत और नेपाल ने उच्च शिक्षण संस्थानों और राज्य बिजली अधिकारियों के बीच सहयोग सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित समझौतों की सूची में बौद्ध अध्ययन के लिए डॉ अम्बेडकर पीठ की स्थापना के लिए भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) शामिल है. भारतीय अध्ययन के ICCR चेयर की स्थापना पर ICCR और CNAS, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. भारतीय अध्ययन के ICCR चेयर की स्थापना पर भारतीय ICCR और काठमांडू विश्वविद्यालय (KU) के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
अन्य समझौतों में मास्टर स्तर के कोर्स के लिए "काठमांडू विश्वविद्यालय (केयू), नेपाल और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी-एम), भारत और काठमांडू विश्वविद्यालय (केयू), नेपाल और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटीएम), भारत के बीच एक संयुक्त डिग्री के लिए समझौता ज्ञापन शामिल हैं."
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अरुण 4 जलविद्युत परियोजना के विकास और कार्यान्वयन के लिए भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एसजेवीएन लिमिटेड और नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) के बीच एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए.
पीएम मोदी आज सुबह आधिकारिक दौरे पर लुंबिनी पहुंचे. लुंबिनी पहुंचने पर नेपाल के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी आरजू देउबा ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया. दोनों नेताओं ने बुद्ध जयंती के अवसर पर लुंबिनी में बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र के निर्माण के लिए शिलान्यास समारोह में भाग लिया. उन्होंने माया देवी मंदिर का भी दौरा किया. प्रधानमंत्री के रूप में, यह उनकी नेपाल की पांचवीं और लुंबिनी की पहली यात्रा है.