भारत ने मंगलवार को कहा कि उसने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर 1959 की परिभाषा को कभी स्वीकार नहीं किया. एलएसी पर चीन की स्थिति के संबंध में चीनी विदेश मंत्रालय का हवाला देते हुए हालिया मीडिया रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, भारत ने कभी भी 1959 की कथित एकतरफा एलएसी की परिभाषा को स्वीकार नहीं किया. यह स्थिति चीनी पक्ष को भी पता है.
भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई द्विपक्षीय समझौते हुए, जिसमें दोनों पक्षों ने एलएसी को लेकर आम सहमति बनाने के लिए स्पष्टीकरण और पुष्टि के लिए प्रतिबद्धता जताई है.
श्रीवास्तव ने कहा, वास्तव में, दोनों पक्ष 2003 तक एलएसी को स्पष्ट और पुष्टि करने की कवायद में लगे हुए थे, लेकिन यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई, क्योंकि चीनी पक्ष ने इसे आगे बढ़ाने को लेकर इच्छा नहीं जताई.
श्रीवास्तव ने कहा, भारतीय पक्ष ने हमेशा एलएसी का सम्मान किया है. जैसा की रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में संसद में कहा था, चीनी पक्ष ने, पश्चिमी सेक्टर के विभिन्न भागों में एलएसी का उल्लंघन करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास किया था.
प्रवक्ता ने कहा कि बीते कुछ महीनों में, चीनी पक्ष को बार-बार बताया गया है कि सीमा क्षेत्रों की मौजूदा स्थिति को दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित समझौते के अनुसार सुलझाना चाहिए. विदेश मंत्रालय और उसके चीनी समकक्ष के बीच 10 सितंबर को हुए समझौते में, चीनी पक्ष ने सभी मौजूदा समझौतों का पालन करने की प्रति प्रतिबद्धता दोहराई.
Source : News Nation Bureau