करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोलने के बाद उत्साहित पाकिस्तान ने भारत को सार्क सम्मेलन का न्यौता भेजने की बात कही थी, जिसे भारत ने बहुत उत्साह नहीं दिखाया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. इससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल के हवाले से कहा गया था कि पाकिस्तान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सार्क सम्मेलन में शामिल होने के लिए न्योता भेजेगा. अब भारत की तरफ से एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, भारत सार्क सम्मेलन में कोई विशिष्ट अतिथि नहीं है, जिसके लिए पाकिस्तान खास निमंत्रण भेजेगा.
भारत सार्क का अभिन्न हिस्सा रहा है और सभी सदस्यों की सहमति के आधार पर ही सार्क सम्मेलन की तारीख तय होती रही है. 2016 में 19वें सार्क शिखर सम्मेलन का आयोजन पाकिस्तान में होना था, लेकिन भारत, बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने इसमें शामिल होने से इन्कार कर दिया था. जिसके बाद ये सम्मेलन रद्द करना पड़ा था. आखिरी सार्क शिखर सम्मेलन 2014 में काठमांडू में आयोजित किया गया था.
20वें सार्क (SAARC) सम्मेलन का आयोजन भी पाकिस्तान में होना है. माना जा रहा है सत्ता परिवर्तन के बाद इमरान खान सरकार इस बार सभी सदस्य देशों को मनाने की कोशिश कर रही है. उसे डर है कि सितंबर, 2016 की तरह इस बार भी कहीं सदस्य देश इसमें शिकरत की योजना कैंसिल न कर दें और सम्मेलन को रद्द करना पड़े. सम्मेलन को सफल तरीके से आयोजित करने को लेकर पाकिस्तान पर काफी दबाव है.
इससे पहले करतारपुर कॉरिडोर के आधारशिला कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पाकिस्तान ने न्योता दिया था, लेकिन उन्होंने समय की कमी का हवाला देते हुए शामिल होने से इनकार कर दिया.
सार्क (SAARC) के ये हैं सदस्य
अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका