पुलवामा हमले के मद्देनजर भारत की कार्रवाई के बाद नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान को दोनों देशों की भलाई की खातिर, खासतौर पर कश्मीर के कल्याण के लिए 'नतीजे देने वाली' और 'समयबद्ध' वार्ता शुरू करनी चाहिए.
अब्दुल्ला ने श्रीनगर में पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) संस्थापक और उनके पिता शेख मोहम्मद अब्दुल्ला का मानना था कि व्यापक भारत-पाक बातचीत से राज्य के लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा.
उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी अब भी मानती है कि भारत-पाक दोस्ती एक शांतिपूर्ण उप महाद्वीप के लिए अनिवार्य है. मैं दोनों देशों के विवेकी लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे दोनों देशों की भलाई की खातिर अपनी-अपनी सरकारों पर पर नतीजे देने वाली वार्ता प्रक्रिया शुरू करने के लिए दबाव डालें.'
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'परमाणु हथियार संपन्न दोनों देशों के बीच मेल-जोल जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए महत्वपूर्ण है.' उन्होंने भारत और पाकिस्तान से 2003 के संघर्ष विराम समझौते का सम्मान करने और सीमाओं को शांतिपूर्ण बनाने का अनुरोध किया.
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उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच लगातार हो रही झड़पों ने सीमा के दोनों ओर रह रहे लोगों के जीवन को आफत में डाल दिया है.
श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति उपमहाद्वीप को सभी क्षेत्रों में विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगी. युद्ध के विकल्प को खारिज करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जंग से सैनिक और असैनिक, दोनों प्रभावित होते हैं.
Source : PTI