करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान करेंगे चर्चा, नवंबर में खोला जाएगा कॉरिडोर

गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे, जिन्होंने अपने आखिरी दिन करतारपुर में बिताए थे

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान करेंगे चर्चा, नवंबर में खोला जाएगा कॉरिडोर

India Pakistan talks on Kartarpur corridor will be opened in November

Advertisment

भारत ने पाकिस्तान की तरफ से लगातार आतंकवाद के जारी रहने के कारण पूर्णवार्ता शुरू करने से इनकार किया है, लेकिन दोनों देश तीर्थयात्रियों के लिए पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा कॉरिडोर को खोलने के लिए वार्ता आयोजित कर रहे हैं. कॉरिडोर नवंबर में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मौके पर खोला जाएगा. गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे, जिन्होंने अपने आखिरी दिन करतारपुर में बिताए थे. इस कॉरिडोर के जरिए भारत के सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा की इजाजत होगी.

यह भी पढ़ें - भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर गलियारे का अमेरिका ने ऐसे किया स्वागत

भारत में तीर्थयात्रियों के लिए कॉरिडोर बनाने की मांग की गई. इस कॉरिडोर के जरिए भारत के तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के पंजाब के नारोवल जिले में करतारपुर साहिब मंदिर के दौरे की अनुमति होगी और उसी दिन लौटना होगा. इस कॉरिडोर के निर्माण को लेकर भारत व पाकिस्तान में बीते साल तालमेल बना था. यह कॉरिडोर सिख तीर्थयात्रियों को पवित्र गुरुद्वारा की वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति देगा.

यह भी पढ़ें - भारत के सामने झुका पाकिस्तान, अब करतारपुर गुरुद्वारे के लिए देगा 42 एकड़ जमीन

नवंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले कैबिनेट ने कॉरिडोर के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इसके बीच भारतीय तरफ आधारशिला उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा रखी गई, जबकि पाकिस्तान की तरफ से प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया. भारत व पाकिस्तान ने कॉरिडोर पर पहले चरण की वार्ता भारतीय तरफ अटारी-वाघा सीमा पर 14 मार्च 2019 को की. दूसरे चरण की वार्ता पाकिस्तान की तरफ वाघा पर 14 जुलाई को हुई. पाकिस्तान 5000 यात्रियों को प्रतिदिन करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दौरे पर सहमत हो गया.

पाकिस्तान ने भारतीय पासपोर्ट धारकों व ओवरसीज सिटिजनसिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड धारकों के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के वीजा मुक्त साल भर लंबी यात्रा को लेकर भी सहमति जताई. तीर्थयात्रियों को व्यक्तियों के तौर पर या समूहों में या पैदल यात्रा करने की इजाजत होगी. द्वितीय चरण की वार्ता 2 अप्रैल को निर्धारित थी, लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया. ऐसा भारत द्वारा पाकिस्तान शिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) में अलगाववादी खालिस्तानी सदस्य की मौजूदगी को लेकर जताई गई चिंता की वजह से किया गया.

भारत ने खालिस्तान समर्थक नेता गोपाल सिंह चावला के पीएसजीपीसी में मौजूदगी पर आपत्ति जाहिर की थी. 14 जुलाई की वार्ता से पहले पाकिस्तान ने 10 सदस्यीय पीएसजीपीसी का फिर से पुनर्गठन किया. पीएसजीपीसी में से चावला का नाम हटाया. लेकिन इसने एक अन्य खालिस्तान समर्थक नेता अमीर सिंह का समिति में नाम शामिल कर लिया. वार्ता के दौरान भारत ने पाकिस्तान में खालिस्तानियों की मौजूदगी को लेकर चिंता जताते हुए एक डोजियर सौंपा गया.

यह भी पढ़ें - करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान कई मसलों पर माना, कई पर लटकाया

इसमें कहा गया कि पाकिस्तान के खालिस्तानी यात्रा में बाधा डालने का प्रयास कर सकते हैं और तीर्थयात्रियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर इस अवसर का दुरुपयोग कर सकते हैं. भारत, पाकिस्तान सीमा तक चार लेन का हाईवे बना रहा है और हजारों सिख तीर्थयात्रियों के आवागमन के लिए एक अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल का निर्माण कर रहा है. ये दोनों 31 अक्टूबर तक तैयार हो जाएंगे. भारत ने 14 जुलाई की बैठक के दौरान डेरा बाबा नानक मंदिर व आसपास के इलाकों में संभावित बाढ़ के मद्देनजर चिंता से अवगत कराया था.

PM modi imran-khan kartarpur corridor Kartarpur gurunanak
Advertisment
Advertisment
Advertisment