पुलवामा हमले और भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक के बाद उपजे तनाव के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच अब करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के लिए पहली बार 14 मार्च को मीटिंग होने जा रही है. विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा कि दोनों देशों के बीच अटारी-वाघा पर करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के लिए अंतिम रूप रेखा पर चर्चा की जाएगी. 14 मार्च को पाकिस्तानी दल भारत आएगा, वहीं भारतीय दल 28 मार्च को इस्लामाबाद का दौरा करेंगे.
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 'इस मीटिंग के अलावा इसी दिन (14 मार्च) भारत ने कॉरिडोर के अलाइनमेंट के तकनीक पहलुओं पर भी बातचीत करने का प्रस्ताव दिया है.'
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए पाकिस्तान ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इस दिशा में पाकिस्तान ने भारत में अपने उच्चायुक्त सोहैल महमूद को वापस नई दिल्ली भेजने का फैसला किया है.
14 फरवरी को पुलवामा में आत्मघाती हमले पर बातचीत के लिए पाकिस्तान ने अपने उच्चायुक्त को इस्लामाबाद वापस बुलाया था. सोहैल महमूद ने 14 फरवरी को नई दिल्ली छोड़ा था.
क्या है करतारपुर साहिब और कॉरिडोर
करतारपुर साहिब वह जगह है, जहां 1539 में गुरु नानक जी के निधन के बाद पवित्र गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया था. यह पाकिस्तान में रावी नदी के नजदीक स्थित है. यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से चार किलोमीटर दूर है.
गुरुनानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 साल इसी स्थान पर बिताए थे. अगस्त 1947 में विभाजन के बाद यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था. लेकिन सिख धर्म और ऐतिहासिक महत्व के कारण इस गलियारे की मांग लंबे समय से की जा रही थी.
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प्रस्ताव के मुताबिक, भारत पंजाब के डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक 2 किलोमीटर के गलियारे का निर्माण करेगा. वहीं पाकिस्तान को भी सीमा से नारोवल जिले में गुरुद्वारे तक करीब 2 किलोमीटर के गलियारे का निर्माण करना है.
यह गलियारा अगले कुछ महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा. जिससे सिख श्रद्धालुओं को 2019 में गुरु नानक की 550वीं जयंती पर करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन का मौका मिलेगा.
Source : News Nation Bureau