देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो चुका है. इसी के साथ कई राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को भी अपने-अपने राज्यों में भजेने के लिए कई ट्रेनें शुरू कर दी गई है. इस दौरान एक खबर और आ रही है. बताया है कि अन्य शहरों में फंसे लोगों को अपने घरों तक पहुंचाने के लिए 300 ट्रेन और चलाई जा सकती है. जानकारी के मुताबिक इन ट्रेनों का इस्तेमाल छात्रों मजदूरो और पर्यटकों को अपने-अपने घरों तक पहुंचाने के लिए किया जा सकता है.
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दरअसल एक मई से श्रमिकों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें शुरू की गई हैं. यह ट्रेनें 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' के नाम से चलाई जा सकती हैं. वहीं बताया जा रहा है कि इन के अलावा रेलवे के पास और 300 ट्रेनों की मांग आ सकती है जिनके जरिए छात्रों और श्रमिको के अलावा अन्य राज्यों में फंसे पर्यटकों को भी घर भेजा सकता है. बताया जा रहा है कि रेलवे इसके लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि इन ट्रेनों को शुरू करने की मांग केवल वही राज्य कर सकते हैं और जो लोगों को वहां से भेजना चाहते हैं औऱ जो लोगों को प्राप्त करने वाले हैं.
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वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन के कारण फंसे श्रमिकों से रेलवे द्वारा कथित तौर पर भाड़ा लिए जाने की आलोचना होने के बीच सूत्रों ने सोमवार को कहा कि अब तक चलायी गयी 45 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए महाराष्ट्र , केरल और कर्नाटक को छोड़कर विभिन्न राज्य सरकारों ने भुगतान किया है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में प्रवासी कामगारों के यात्री किराये का भुगतान करने की बात को खारिज कर दिया.
सूत्रों ने बताया कि राजस्थान, तेलंगाना और झारखंड जैसे राज्य श्रमिकों की यात्रा के लिए भुगतान कर रहे हैं. केवल एक ट्रेन झारखंड पहुंची हैं और उसने भी यात्रा का भुगतान किया है. सूत्रों ने कहा कि गुजरात सरकार ने यात्रा पर आने वाले खर्च का एक हिस्सा देने के लिए एक एनजीओ को संबद्ध किया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक जैसे राज्य जहां से कुछ ट्रेनें चल रही हैं, वे यात्राओं के लिए प्रवासी श्रमिकों से पैसे ले रहे हैं. विवाद सोमवार को तब पैदा हुआ जब कई विपक्षी दलों ने प्रवासी श्रमिकों से ट्रेन टिकट के पैसे नहीं लिए जाने की मांग की. कांग्रेस ने ऐसे प्रवासियों के लिए भुगतान करने की पेशकश की.
रेल किराए को लेकर पैदा विवाद के बीच भाजपा ने कहा कि रेलवे पहले ही यात्रा लागत का 85 प्रतिशत वहन करते हुए सब्सिडी पर टिकट मुहैया करा रहा है. रेलवे ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फंसे हुए लोगों को पहुंचाने के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने की अनुमति कुछ राज्यों के अनुरोध के आधार पर दी गई.