अफगानिस्तान में तालिबान के हाथों मारे गए भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत के मामले को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यूएन के मंच पर उठाया. विदेश सचिव सशत्र लड़ाई वाले क्षेत्र में नागरिकों की हिफाजत के मुद्दे पर बोल रहे थे. इस अवसर पर विदेश सचिव ने अफगानिस्तान की जमीन पर रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या पर गहरा रोष भी जाहिर किया. उधर, अफगान के काबुल में स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी लगातार स्थानीय अधिकारियों के सम्पर्क में है, ताकि जल्द से जल्द दानिश के पार्थिव शरीर को भारत लाया जा सके.
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जानकारी के मुताबिक, तालिबान ने दानिश में पार्थिव शरीर को इंटरनेशनल कमेटी आफ़ रेड क्रोस को सौंप दिया है और अब उसे भारत लाने के लिए आगे की प्रक्रिया की जा रही है. भारत में भी विदेश मंत्रालय के अधिकारी परिवार के संपर्क में है और हर डेवेलपमेंट की जानकारी उन्हें दी जा रही है. पुलित्जर पुरस्कार से पुरस्कृत ख्याति प्राप्त फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान के वॉर जोन से न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के लिए रिपोर्ट कर रहे थे और वॉर जॉन की तस्वीरें लगातार दुनिया के सामने पहुंचा रहे थे.
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कन्धार के स्पीन बोल्डाक डिस्ट्रिक्ट में दानिश कवरेज कर रहे थे जब वे तालिबान के हमले का शिकार हुए. अफगानिस्तान के प्रमुख न्यूज आर्गेनाइजेशन टोलो न्यूज़ ने सबसे पहले इस ख़बर को प्रकाशित किया और फिर पुष्टि भी हुई. दानिश के दुःखद मौत पर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी ने भी गहरा दुःख जताया है और मीडिया के फ्रीडम की रक्षा का भरोसा दिया है.
Foreign Secretary @harshvshringla condemns the killing of @Reuters photo-journalist Sh. Danish Siddiqui in #Afghanistan yesterday during the #UNSC meeting on Protection of Civilians in Armed Conflict.
— Pratik Mathur (@PratikMathur1) July 16, 2021
@MEAIndia pic.twitter.com/N935x47h6z
अफगानिस्तान में युद्ध की कवरेज कर रहे भारतीय पत्रकार दानिश सिद्धीकी की हत्या
अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते वर्चस्व के बीच हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. कंधार में कवरेज के लिए गए भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दिकी (Danish Siddiqui) की हत्या कर दी गई है. जानकारी के मुताबिक दानिश सिद्दिकी की हत्या कंधार के स्पिन बोल्डक इलाके में एक झड़प के दौरान हुई है. दानिश सिद्दीकी ने हाल ही में अपने ट्विटर अकाउंट पर अफगानिस्तान कवरेज से जुड़ी हुई तस्वीरें और वीडियो साझा की थी. इस दौरान दानिश सिद्दीकी के काफिले पर कई बार हमला भी किया गया था, जिसका वीडियो उन्होंने साझा किया था.
साल 2018 में दानिश सिद्दीकी को पत्रकारिता के सबसे बड़े पुरस्कार Pulitzer Prize से नवाजा गया था, ये अवॉर्ड उन्हें रोहिंग्या मामले में कवरेज के लिए मिला था. दानिश सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत एक टीवी जर्नलिस्ट के रूप में की थी, बाद में वह फोटो जर्नलिस्ट बन गए थे. वह मौजूदा वक्त में अंतरराष्ट्रीय एजेंसी Reuters के साथ कार्यरत थे और अफगानिस्तान में जारी हिंसा के कवरेज के लिए गए थे.
HIGHLIGHTS
- विदेश सचिव ने पत्रकार की हत्या पर गहरा रोष भी जाहिर किया
- तालिबान ने दानिश का पार्थिव शरीर ICRC के हवाले किया